Chandrayaan 2: पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों का बढ़ाया हौसला, कहा- जब मंगल ग्रह पर पहले  प्रयास में पहुंचे तो चांद पर भी मिलेगी कामयाबी

Chandrayaan Landing: पीएम मोदी ने कहा कि जब इसरो के पास सक्सेस की इनसाइक्लोपीडिया हो तो एक दो रुकावट हमें नहीं रोक सकती है. साथियों हम अमृत की संतान है. अमृत की संतान के लिए न कोई रुकावट है न ही कोई निराशना है.

Chandrayaan 2: पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों का बढ़ाया हौसला, कहा- जब मंगल ग्रह पर पहले  प्रयास में पहुंचे तो चांद पर भी मिलेगी कामयाबी

इसरो केंद्र से पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम दिया संबोधन

खास बातें

  • पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों का बढ़ाया हौसला
  • कहा- हम चांद पर भी कामयाब होंगे
  • पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम दिया संबोधन
नई दिल्ली:

Chandrayaan 2 के लैंडर से संपर्क टूटने के बाद पीएम मोदी (PM Modi)  ने ISRO के वरिष्ठ वैज्ञानिकों से शनिवार सुबह मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन भी दिया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आप निराश न हो. मैं यह सिर्फ आपको खुश करने के लिए नहीं कह रहा है, मुझे पता है कि आप ही वो लोग हैं जिन्होंने अपने पहले प्रयास में ही मंगल ग्रह पर पहुंचने में सफलता हासिल की थी. हम चांद पर भी सफल होंगे. उन्होंने कहा कि हमारे चंद्रयान (Chandrayaan Landing) ने ही दुनिया को चांद पर पानी होने जैसी जानकारी दी. ये आपके ही प्रयास थे कि हमनें 100 से ज्यादा सेटेलाइट एक साथ लॉन्च करके एक नया रिकॉर्ड बनाया था. पीएम मोदी ने कहा कि जब इसरो के पास सक्सेस की इनसाइक्लोपीडिया हो तो एक दो रुकावट हमें नहीं रोक सकती है. साथियों हम अमृत की संतान है. अमृत की संतान के लिए न कोई रुकावट है न ही कोई निराशना है. हमें पीछे मुड़कर निराश नहीं होना है, हमें सबक लेना है, सीखना और आगे ही बढ़ते जाना है. हमें रुकना नहीं है. हम निश्चत रूप से सफल होंगे. पीएम मोदी ने कहा कि हम अगले हर प्रयास में कामयाबी साथ लाएंगे. हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. आप सभी को आने वाले मिशन के लिए शुभकामनाएं. मैंने पहले कहा था कि विज्ञान परिणामों से कभी संतुष्ट नहीं होता है, विज्ञान का गुण है कि यह प्रयास और प्रयास चाहता है. वह परिणाम से भी नए प्रयास के अवसर ढूंढ़ता है. मैंने सुबह सुबह आपका दर्शन आपसे प्ररेणा पाने के लिए किया है. आप अपने आप में प्रेरणा का समंदर हैं. 

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राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस मिशन के साथ जुड़ा हुआ हर व्यक्ति एक अलग ही अवस्था में था. बहुत से सवाल थे और बड़ी सफलता के साथ आगे बढ़ते हैं और अचानक सबकुछ नजर आना बंद हो जाए. मैंने भी उस पल को आपके साथ जिया है जब कम्युनिकेशन ऑफ आया और आप सब हिल गए थे. मैं देख रहा था उसे. मन में स्वाभाविक प्रश्न था क्यों हुआ कैसे हुआ. बहुत सी उम्मीदें थी. मैं देख रहा था कि आपको उसके बाद भी लगता था कि कुछ तो होगा. क्योंकि उसके पीछे आपका परिश्रम था. पल-पल आपने इसको बड़ी जिम्मेदारी बढ़ाया था. साथियों आज भले ही कुछ रुकावटे हाथ लगी हों, लेकिन इससे हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है. बल्कि और मजबूत हुआ है.''

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उन्होंने कहा कि हम अपने रास्ते के आखिरी कदम पर रुकावट पर आई हो, लेकिन हम इससे अपने मंजिल के रास्ते से डिगे नहीं है. आज भले ही हम अपनी योजना से आज चांद पर नहीं जाए लेकिन किसी कवि को आज की घटना का लिखना होगा तो जरूर लिखेगा कि हमनें चांद का इतना रोमांटिक वर्णन किया है कि चंद्रयान के स्वभाव में भी वह आ गया. इसलिए आखिरी चरण में चंद्रयान चंद्रमा को गले लगाने के लिए दौड़ पड़ा. आज चंद्रमा को छूने की हमारी इच्छा शक्ति, संकल्प और प्रबल और भी मजबूत हुई है. बीते कुछ घंटे से पूरा देश जगा हुआ है. हम अपने वैज्ञानिकों के साथ खड़े हैं और रहेंगे. हम बहुत करीब थे लेकिन हमें आने वाले समय में और दूरी तय करना है. सभी भारतीय आज खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है. हमें अपने स्पेस प्रोग्राम और वैज्ञानिकों पर गर्व है.

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पीएम मोदी ने कहा, ''इस समय हम पूरी तरह से आश्वस्त है कि जब हमारे स्पेस प्रोग्राम की बात होगी तो अभी काफी कुछ होना बचा है. हम कई नई ऊंचाइयां आने वाले दिनों में छुएंगे. मैं अपने वैज्ञानिकों को कहना चाहता हूं कि भारत आपके साथ है और हमेशा रहेगा. आप कमाल के प्रोफेशनल हैं. जिन्होंने अतुलनीय योगदान दिया है देश की प्रगति में. सफलता के रास्ते में ऐसी बाधाएं आती हैं लेकिन हमें इससे आगे बढ़ना है और मुझे आपकी क्षमताओं पर भरोसा है. आप लोग मक्खन पर लकीर करने वाले नहीं पत्थर पर लकीर करने वाले लोग हैं. इस मिशन के बाद चांद को छूने की इच्छाशक्ति बढ़ी है.''

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उन्होंने कहा कि मैं सभी वैज्ञानिकों के परिवार के लोगों का भी शुक्रिया अदा करता हूं. वह अगर अपना समर्थन हमारे वैज्ञानिकों को नहीं देते तो यह संभव न हो पाया. हम स्पेस की दुनिया में अगर अलग मुकाम हासिल कर पा रहे हैं तो इसमें वैज्ञानिकों के परिवार का भी बड़ा योगदान है. हम अगर अपनी यात्रा को देखें तो हमें बहुत संतुष्टि होगी.''