बेंगलुरू:
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए उप लोकायुक्त के पद पर पूर्व न्यायाधीश चंद्रशेखरैया की नियुक्ति खारिज कर दी। चंद्रशेखरैया राज्य के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रह चुके हैं।
न्यायाधीश एन. कुमार एवं न्यायाधीश एचएस केमपन्ना ने चंद्रशेखरैया की नियुक्ति इस आधार पर खारिज कर दी कि उप लोकायुक्त की नियुक्ति में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से सलाह नहीं ली गई जबकि लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त पद पर नियुक्ति के लिए मुख्य न्यायाधीश से परामर्श लेना संवैधानिक रूप से आवश्यक है।
ज्ञात हो कि वर्ष 1995 से 2004 के दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे चंद्रशेखरैया ने गत जनवरी में दूसरे उप लोकायुक्त का पद भार ग्रहण किया। इस पद पर चंद्रशेखरैया की नियुक्ति मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने की थी।
इसके बाद बेंगलुरू के दो वकीलों एम. आनंद एवं जेसी कृष्णा ने उप लोकायुक्त पद पर चंद्रशेखरैया की नियुक्ति को चुनौती दी। दोनों वकीलों ने दलील दी कि चंद्रशेखरैया की नियुक्ति अवैध है क्योंकि कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का परामर्श लिए बगैर उनकी नियुक्ति की गई।
न्यायाधीश एन. कुमार एवं न्यायाधीश एचएस केमपन्ना ने चंद्रशेखरैया की नियुक्ति इस आधार पर खारिज कर दी कि उप लोकायुक्त की नियुक्ति में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से सलाह नहीं ली गई जबकि लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त पद पर नियुक्ति के लिए मुख्य न्यायाधीश से परामर्श लेना संवैधानिक रूप से आवश्यक है।
ज्ञात हो कि वर्ष 1995 से 2004 के दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे चंद्रशेखरैया ने गत जनवरी में दूसरे उप लोकायुक्त का पद भार ग्रहण किया। इस पद पर चंद्रशेखरैया की नियुक्ति मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने की थी।
इसके बाद बेंगलुरू के दो वकीलों एम. आनंद एवं जेसी कृष्णा ने उप लोकायुक्त पद पर चंद्रशेखरैया की नियुक्ति को चुनौती दी। दोनों वकीलों ने दलील दी कि चंद्रशेखरैया की नियुक्ति अवैध है क्योंकि कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का परामर्श लिए बगैर उनकी नियुक्ति की गई।
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