तिरुवनंतपुरम:
केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने मंगलवार को सतर्कता विभाग छोड़ दिया। अदालत द्वारा वर्ष 1992 में पॉमोलिन आयात के मामले में चांडी की भूमिका की नए सिरे से जांच का आदेश देने के बाद मुख्यमंत्री ने यह कदम उठाया है। वह उस समय राज्य के वित्त मंत्री थे। चांडी ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने सतर्कता विभाग को राजस्व मंत्री तिरुवंचूर राधाकृष्णन को सौंप दिया है।" उन्होंने कहा, "मेरे मन में न्यायापालिका के प्रति पूरा सम्मान है और फैसला आने के बाद भी यह ऐसा ही बना रहेगा।" सतर्कता विभाग की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने सोमवार को राज्य के सतर्कता विभाग को मामले की दोबारा जांच करने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि वर्ष 1999 में राज्य में ईके नयनार के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार थी। सतर्कता विभाग इससे पहले भी अपनी रिपोर्ट दाखिल कर चुका है, जिसमें कहा गया है कि इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि चांडी इसमें शामिल थे। पूर्व मुख्यमंत्री के.करुणाकरन, खाद्य मंत्री टी.एच.मुस्तफा और प्रशासनिक अधिकारियों पी.जे.थॉमस और जिजी थाम्पसन के खिलाफ मलेशिया से बढ़ी हुई कीमतों पर तेल आयात कर 2.32 करोड़ रुपये का नुकसान करने का आरोप है। वीएस अच्युतानंदन के नेतृत्व वाली सरकार ने इस मामले को दोबारा खोला था। मामले के एक आरोपी मुस्तफा ने अदालत को बताया था कि चांडी का नाम इस मामले में शामिल नहीं है इसलिए उन्हें भी मुक्त कर देना चाहिए।