उत्तराखंड विधानसभा के लिए हाल में संपन्न चुनाव में खानपुर सीट से बतौर निर्दलीय निर्वाचित हुए उमेश कुमार की जीत को शुक्रवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई. अवकाश होने के बावजूद शुक्रवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अदालत के समक्ष पर्याप्त तथ्य नहीं रख सके जिसके बाद उसने तथ्यों को अदालत के रिकॉर्ड पर लाने के लिए समय देने का अनुरोध किया. अदालत ने अब इस मामले की सुनवाई के लिए 23 मार्च की तारीख तय की है. याचिका के मुताबिक लक्सर निवासी वीरेंद्र कुमार और जनता कैबिनेट पार्टी की अध्यक्ष भावना पांडेय ने खानपुर के विधायक पर निर्वाचन आयोग के समक्ष जमा हलफनामे में कई तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया है.
याचिका में दावा किया गया है कि उमेश कुमार के खिलाफ 29 मामले लंबित हैं जबकि उन्होंने पीठासीन अधिकारी के समक्ष जमा हलफनामा में केवल 16 मामलों की जानकारी दी है और कथित तौर पर मुख्य आरोपों को उन्होंने छिपाया है
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