
- रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर दायर की गई है जनहित याचिका
- कोर्ट में अपने हलफनामे को रुकवा चुकी है केंद्र सरकार
- केंद्र ने कहा था कि इस मसले पर आखिरी फैसला अभी नहीं हुआ है
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नई दिल्ली:
रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होगी. केंद्र सरकार इस मामले पर अदालत में अपना पक्ष रखेगी. इससे पहले रोहिंग्या को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताने के चंद घंटों के बाद ही केंद्र ने कहा था कि इस मसले पर उसकी ओर से आखिरी फैसला नहीं लिया गया है. एक जनहित याचिका में कहा गया है कि उन्हें निर्वासित करने का कदम संविधान के अनुच्छेद 14 के समानता के अधिकार का हनन होगा, क्योंकि सरकार ने तिब्बती शरणार्थी और अन्य को वापस जाने को नहीं कहा है. सरकारी वकील की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि हलफनामा गलती से याचिकाकर्ता के वकील को भेज दिया गया. पत्र में कहा गया था कि हलफनामे को अंतिम रूप देने से पहले ही गलती से इसकी प्रति याचिकाकर्ता को दे दी गई. साथ ही इस पत्र में यह भी दावा किया गया था कि हलफनामा सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में दाखिल नहीं की गई है.
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दो रोहिंग्या शरणार्थियों की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार 18 सितंबर को रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर सरकार के रुख से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराएगी. राजनाथ ने इस मुद्दे पर इससे ज्यादा कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. रोहिंग्या शरणार्थियों पर हो रही राजनीति के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ ने कहा, "हमें जो भी हलफनाम दाखिल करना है, हम 18 सितंबर को करेंगे."
VIDEO : रोहिंग्या शरणार्थी आखिर कहां जाएं?
4 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उसका पक्ष पूछा था. प्रशांत भूषण ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने के विरोध में ये अपील दायर की है.
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दो रोहिंग्या शरणार्थियों की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार 18 सितंबर को रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर सरकार के रुख से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराएगी. राजनाथ ने इस मुद्दे पर इससे ज्यादा कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. रोहिंग्या शरणार्थियों पर हो रही राजनीति के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ ने कहा, "हमें जो भी हलफनाम दाखिल करना है, हम 18 सितंबर को करेंगे."
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4 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उसका पक्ष पूछा था. प्रशांत भूषण ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने के विरोध में ये अपील दायर की है.
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