केंद्र (Central Govt) ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि साल के अंत तक देश की पूरी वयस्क आबादी को टीका (Covid-19 Vaccination) लगाने के लिए कम से कम पांच निर्माताओं से लगभग 188 करोड़ वैक्सीन खुराक मिलने की उम्मीद है. केंद्र सरकार के अनुसार अभी तक भारत की लगभग 5.6 प्रतिशत वयस्क आबादी को ही कोरोना टीके की दो खुराकें मिली हैं.
केंद्र ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा, "18 वर्ष से अधिक आयु की कुल जनसंख्या लगभग 93-94 करोड़ है. इस प्रकार, इन लाभार्थियों को दो खुराक देने के लिए अनुमानित 186 से 188 करोड़ वैक्सीन खुराक की आवश्यकता होगी. इस आवश्यकता में से, 51.6 करोड़ खुराक प्रशासन के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे. 31 जुलाई को पात्र आबादी के पूर्ण टीकाकरण के लिए लगभग 135 करोड़ वैक्सीन खुराक की आवश्यकता है.”
12 से 18 साल के बच्चों के लिए जाइडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी जल्द : केंद्र
अपने 375 पन्नों के हलफनामे में - अपनी वैक्सीन नीति पर सुप्रीम कोर्ट के उठाए गए सवालों के जवाब में दायर, केंद्र ने एक रोडमैप प्रस्तुत किया कि वह शेष 135 करोड़ खुराक की खरीद की योजना कैसे बना रहा है.
केंद्र ने कहा, "स्पुतनिक वी वैक्सीन, मेसर्स गामालेया इंस्टीट्यूट, रूस द्वारा विकसित किया गया है, जिसे अप्रैल 2021 में डीसीजीआई द्वारा आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्राप्त हुआ है और अब इसे भारत में प्रशासित किया जा रहा है."
इसके अलावा, घरेलू दवा कंपनियों बायोलॉजिकल ई और ज़ायडस कैडिला के टीके नैदानिक परीक्षणों के अंतिम चरण में हैं और नियामक अनुमोदन के अधीन हैं. केंद्र ने कहा कि जायडस कैडिला 12-18 साल की उम्र के लिए एक टीके पर काम कर रही है और आयु वर्ग के लिए यह टीका जल्द ही उपलब्ध होगा.
साथ ही बताया कि सभी उम्र के लोगों के लिए वॉक-इन टीकाकरण की अनुमति दी गई है और डिजिटल डिवाइड अब टीकों तक पहुंच के लिए कोई बाधा नहीं है. 25 जून तक, देश भर में 31 करोड़ वैक्सीन खुराक प्रशासित किए गए हैं. COWIN प्लेटफॉर्म पंजीकरण अनिवार्य नहीं है, ग्रामीण क्षेत्रों के लोग टीकाकरण के लिए निकटतम टीकाकरण केंद्र पर जा सकते हैं. लगभग 56.24 प्रतिशत ग्रामीण आबादी ने इसका फायदा उठाया है.
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केंद्र ने कहा कि 21 जून से प्रभावी नई नीति के तहत COVID-19 शॉट्स अब 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए मुफ्त हैं. केंद्र द्वारा वैक्सीन नीति पर सुप्रीम कोर्ट के तीखे सवालों के जवाब में 375 पन्नों का सरकारी हलफनामा अदालत में पेश किया गया.
इस महीने की शुरुआत में शीर्ष अदालत ने कहा था कि 18 से 44 वर्ष के बीच के लोगों के लिए भुगतान किए गए टीकाकरण की केंद्र की नीति "मनमाना और तर्कहीन" थी. सुप्रीम कोर्ट 30 जून को हलफनामे की जांच करेगा.
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