राज्यों पर उद्योग अनुकूल होने का दबाव बनाएगा केंद्र

चेन्नई:

केंद्र सरकार एक सूची बनाकर ऐसे राज्यों के नाम जाहिर करेगी, जो कारोबार करने की प्रक्रिया को आसान नहीं बना रहे हैं। यह बात बुधवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव अमिताभ कांत ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसे 98 कदमों की सूची बनाई है, जो राज्यों को कारोबार आसान करने के लिए उठाने हैं।

कांत ने भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा यहां उद्यमिता पर आयोजित एक सम्मेलन 'मेक इन इंडिया का कार्यान्वयन' को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली से संबोधित किया। उन्होंने कहा, "मई अंत तक सभी राज्यों को इन 98 कदमों को लागू करना है। राज्यों को अब सक्रिय होना है।"

कांत ने कहा, "हम राज्यों की रैंकिंग कर और उसका प्रकाशन कर उनका नाम सार्वजनिक करेंगे, ताकि वह कारोबार के अनुकूल हो सकें।" उनके मुताबिक 98 कदम राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। कांत ने कारोबार अनुकूल कई नीतियां बनाने के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सराहना की। उन्होंने 98 कदमों को लागू करने में राज्यों को केंद्र से सहायता मिलने का वादा किया।

कांत ने कहा कि कई सालों तक विकास दर को 9-10 फीसदी रखना एक प्रमुख चुनौती है। कांत ने कहा, "पिछले नौ महीने में सरकार ने भारत को कारोबार के लिए आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।" उनके मुताबिक, गत 60 वर्षो से नियंत्रण की मानसिकता थी। अब हमारा काम यथासंभव नियंत्रण को समाप्त करने का है।

कांत ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का इस साल रिकार्ड आगम होने वाला है। अभी भी यह गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 36 फीसदी अधिक है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक नई व्यापार नीति बना रही है।

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परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि अगला सुधार राज्य सरकारों को करना है और व्यापार संघ इस दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि परिसंघ उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देने के लिए और उद्यमियों को सहयोग देने के लिए दक्षिण भारत में एक उद्यमिता केंद्र स्थापित करेगा।