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This Article is From Feb 18, 2020

केंद्र सरकार को कम से कम अब हमसे बात करनी चाहिए: शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में सैंकड़ों लोग, विशेषकर महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग में डेरा डाले हुए हैं, जिनके प्रदर्शनों वजह से एक मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गया है जिसके कारण शहर में यातायात की समस्या पैदा हो गई है.

केंद्र सरकार को कम से कम अब हमसे बात करनी चाहिए: शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी
दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी दो महीने से विरोध कर रहे हैं. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

शाहीन बाग (Shaheen Bagh) के प्रदर्शनकारियों को दूसरे स्थल पर जाने के लिए मनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा दो वार्ताकारों की नियुक्ति से प्रदर्शनकारियों को थोड़ी निराशा हुई, हालांकि उनमें से कई का मानना है कि अपनी असहमति को लेकर सरकार से बात करना ही अंतिम रास्ता है. नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में सैंकड़ों लोग, विशेषकर महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग में डेरा डाले हुए हैं, जिनके प्रदर्शनों वजह से एक मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गया है जिसके कारण शहर में यातायात की समस्या पैदा हो गई है.

महिला प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने कहा कि उनके द्वारा लगाए गए तम्बू ने स्थल को ‘न्याय और समानता के लिए युद्ध का मैदान' के रूप में प्रतिरूपित किया. उन्होंने कहा कि वे वहां से जाने के विचार से विचलित नहीं हैं लेकिन वे पहले CAA पर सरकार के साथ विस्तृत बातचीत करना चाहते हैं.

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से जगह बदलने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थ करेंगे बातचीत

बाटला हाउस का निवासी शाहीदा खान ने कहा, ‘हमने 15 दिसंबर को अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया जब जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्रों को पुलिस द्वारा बुरी तरह से पीटा गया था. हमें स्थानांतरण से बहुत खुशी नहीं होगी, लेकिन चूंकि यह अदालत का फैसला है, इसलिए हम इसे पूरे सम्मान के साथ स्वीकार करेंगे.'

VIDEO: शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से जगह बदलने के लिए SC के मध्यस्थ करेंगे बातचीत

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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