जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में संसाधनों, देनदारियों के बंटवारे के लिए केंद्र ने बनाई तीन सदस्यीय समिति

जम्मू कश्मीर और लदाख केंद्र शासित प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों के भत्ते सातवें वेतन आयोग के अनुसार स्वीकृत किए गए हैं.

जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में संसाधनों, देनदारियों के बंटवारे के लिए केंद्र ने बनाई तीन सदस्यीय समिति

जम्मू-कश्मीर के संसाधनों और जिम्मेदारियों का बंटवारा अधिनियम की धारा 84 के अनुसार होना है.

नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद अब उसके संसाधनों और देनदारियों के विभाजन को लेकर केंद्र ने तीन सदस्यीय समिति गठित की है. जम्मू कश्मीर का 31 अक्टूबर को औपचारिक रूप से दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन हो गया था. केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले की जानकारी गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति के सदस्यों को दी. 

भल्ला समेत वरिष्ठ अधिकारियों के दल ने आनंद शर्मा के नेतृत्व वाली संसदीय समिति को बताया कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की धारा 84 के अंतर्गत जम्मू कश्मीर और लदाख के बीच संसाधनों, अधिकारों और दायित्वों के बंटवारे के लिए एक सलाहकार समिति का गठन किया गया है. वित्त वर्ष 2019-20 के शेष पांच महीनों के लिए चौदहवें वित्त आयोग में आवंटित निधि का सत्तर प्रतिशत जम्मू कश्मीर को और तीस प्रतिशत लदाख को दिया जाएगा. 

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जम्मू कश्मीर और लदाख केंद्र शासित प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों के भत्ते सातवें वेतन आयोग के अनुसार स्वीकृत किए गए हैं. इससे पहले गृह मंत्रालय ने घोषणा की थी कि पूर्व रक्षा सचिव संजय मित्रा समिति के अध्यक्ष होंगे और सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी अरुण गोयल और गिरिराज प्रसाद गुप्ता समिति के सदस्य होंगे. जम्मू कश्मीर के संसाधनों और जिम्मेदारियों का बंटवारा अधिनियम की धारा 84 के अनुसार होना है. अधिनियम की धारा 85 के तहत इस काम के लिए केंद्र सरकार एक आदेश के द्वारा एक से अधिक सलाहकार समिति का गठन कर सकती है. 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)