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This Article is From Dec 17, 2020

'पंजाब में पराली जलाने के केस एक साल में 44% बढ़े, 6 जिले सबसे आगे', SC में बोली केंद्र सरकार

हर साल पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसानों द्वारा पराली जलाने से दिल्ली समेत आसपास के कई शहरों में प्रदूषण बढ़ जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को आवश्यक कदम उठाने को कहा था.

'पंजाब में पराली जलाने के केस एक साल में 44% बढ़े, 6 जिले सबसे आगे', SC में बोली केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पंजाब में छह जिले ऐसे हैं, जिनका पराली जलाने में सबसे ज्यादा योगदान है.
नई दिल्ली:

दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution in Delhi) को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दाखिल किया है. केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पंजाब में 2019 की तुलना में इस साल पराली जलाने (Stubble Burning) के मामलों में 44 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2020 में हरियाणा में पराली जलाने के मामले में 25 फीसदी की कमी आई है. 

केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पंजाब में छह जिले ऐसे हैं, जिनका पराली जलाने में सबसे ज्यादा योगदान है. इन जिलों के साम हैं संगरूर, बठिंडा, फिरोजपुर, मोगा, लुधियाना और मुक्तसर. केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के इन सभी छह जिलों में 2019 के बाद से पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है.

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सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR), मॉडल ऑफ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटिरोलॉजी के अनुसार, दिल्ली में अक्टूबर से दिसंबर के बीच वायु प्रदूषण में 42 फीसदी पराली का योगदान है. राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा उठाए गए कदमों को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत केंद्र सरकार ने ये जवाब दाखिल किया है. मामले पर आज ही सुनवाई भी होनी है.
 

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