सुप्रीम कोर्ट.
नई दिल्ली:
तूतीकोरिन में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फायरिंग में 13 लोगों के मारे जाने के मामले की जांच सीबीआई ही करती रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है.
तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट की जांच को सीबीआई को सौंपने के आदेश को चुनौती दी थी लेकिन शुक्रवार को कहा कि उसे सीबीआई जांच पर कोई आपत्ति नहीं है. उसकी आपत्ति पुलिस कर्मियों पर कानूनी कार्रवाई को लेकर है.
इससे पहले तमिलनाडु सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने तूतीकोरिन में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान फायरिंग में 13 लोगों के मारे जाने के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.
गौरतलब है कि वेदांता कंपनी के प्लांट पर पर्यावरण प्रदूषण का आरोप लगाते हुए तूतीकोरिन में लोग सड़कों पर उतरे थे जिसके बाद प्लांट को बंद कर दिया गया था. जस्टिस सीटी सेल्वम और एएम बशीर अहमद की बेंच ने यह आदेश दिया था. बेंच पुलिस फायरिंग और प्रदर्शनकारियों को नैशनल सेक्यॉरिटी ऐक्ट के तहत हिरासत में लिए जाने के मामलों की सुनवाई कर रही थी. बेंच ने अपना फैसला 1 अगस्त को कोर्ट की मुदरै बेंच में सुरक्षित कर लिया था.
राज्य सरकार ने पुलिस केस की डायरी और समीक्षा बैठक में चर्चा की जानकारी कोर्ट के सामने रखी. सरकार ने कोर्ट में बताया कि धारा 144 के उल्लंघन के बाद प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. प्रशासन ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट की प्रतियां, पुलिस स्टैंडिंग ऑर्डर और ड्रिल मैन्युअल भी कोर्ट को दीं. बेंच ने ये सब देखने के बाद कोर्ट ने 6 लोगों को NSA के तहत हिरासत में लेने के फैसले को रद कर दिया. सभी मामलों की जांच सीबीआई को दे दी गई.
तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट की जांच को सीबीआई को सौंपने के आदेश को चुनौती दी थी लेकिन शुक्रवार को कहा कि उसे सीबीआई जांच पर कोई आपत्ति नहीं है. उसकी आपत्ति पुलिस कर्मियों पर कानूनी कार्रवाई को लेकर है.
इससे पहले तमिलनाडु सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने तूतीकोरिन में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान फायरिंग में 13 लोगों के मारे जाने के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.
गौरतलब है कि वेदांता कंपनी के प्लांट पर पर्यावरण प्रदूषण का आरोप लगाते हुए तूतीकोरिन में लोग सड़कों पर उतरे थे जिसके बाद प्लांट को बंद कर दिया गया था. जस्टिस सीटी सेल्वम और एएम बशीर अहमद की बेंच ने यह आदेश दिया था. बेंच पुलिस फायरिंग और प्रदर्शनकारियों को नैशनल सेक्यॉरिटी ऐक्ट के तहत हिरासत में लिए जाने के मामलों की सुनवाई कर रही थी. बेंच ने अपना फैसला 1 अगस्त को कोर्ट की मुदरै बेंच में सुरक्षित कर लिया था.
राज्य सरकार ने पुलिस केस की डायरी और समीक्षा बैठक में चर्चा की जानकारी कोर्ट के सामने रखी. सरकार ने कोर्ट में बताया कि धारा 144 के उल्लंघन के बाद प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. प्रशासन ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट की प्रतियां, पुलिस स्टैंडिंग ऑर्डर और ड्रिल मैन्युअल भी कोर्ट को दीं. बेंच ने ये सब देखने के बाद कोर्ट ने 6 लोगों को NSA के तहत हिरासत में लेने के फैसले को रद कर दिया. सभी मामलों की जांच सीबीआई को दे दी गई.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं