
गैंगस्टर अबू सलेम
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मुंबई में वर्ष 1993 में हुआ था सिलसिलेवार बम धमाका
सिलसिलेवार बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे
मामले में अबू सलेम सहित छह लोग दोषी करार
मामले के दूसरे चरण में, गत 16 जून को अदालत ने मुस्तफा दोसा (जो मर चुका है) और सलेम समेत पांच आरोपियों को हत्या, साजिश रचने तथा अब खत्म कर दिए गए आतंकी तथा विध्वंसकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) के तहत दोषी करार दिया था जबकि छठे आरोपी रियाज सिद्दकी को केवल टाडा अधिनियम के तहत ही दोषी करार दिया गया था.
अभियोजन पक्ष ने सिद्दकी के लिए भी उम्रकैद की सजा की मांग की है. 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे.
दोसा की पिछले हफ्ते दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. इसके एक दिन पहले ही अभियोजन पक्ष ने उसके लिए मौत की सजा की मांग की थी. विशेष लोक अभियोजक दीपक साल्वी ने अदालत में आज दलील दी कि वैसे तो सलेम मौत की सजा का हकदार है लेकिन पुर्तगाल के साथ प्रत्यर्पण संधि के मद्देनजर उसे उम्र कैद की सजा दी जानी चाहिए. सलेम को पुर्तगाल से ही प्रत्यपर्ति करके लाया गया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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