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This Article is From Dec 24, 2015

केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ा सकती है सीबीआई

केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ा सकती है सीबीआई
नई दिल्‍ली: सीबीआई ने ऐसे दस्तावेज मिलने का गुरुवार को दावा किया जो आईसीएसआईएल के जरिए दिल्ली सरकार में की गयी भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं की ओर संकेत करते हैं। इसके साथ ही एजेंसी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ाने पर वह विचार कर रही है।

एजेंसी सूत्रों ने कहा कि उन्हें दिल्ली सरकार में भर्ती के संबंध में चार फाइलें मिली हैं। एक फाइल डाटा एंट्री ऑपरेटरों की भर्ती से संबंधित है और इसमें कई पन्ने गायब मिले हैं। इस वजह ने एजेंसी को भर्ती प्रक्रिया में गहन जांच के लिए प्रेरित किया।

कुमार के खिलाफ सीबीआई अभी पांच मामलों में जांच कर रही है। ये मामले 2009 से 2014 के बीच के हैं। इस दौरान उन्होंने दिल्ली सरकार में विभिन्न पदों पर काम किया।

सूत्रों ने कहा कि जांच का विस्तार किया जा सकता है और इसमें और अधिकारियों और भर्ती प्रक्रियाओं को शामिल किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि किसी भी बात को अंतिम रूप नहीं दिया गया है और आगे की कोई भी कार्रवाई कुमार से आगे पूछताछ के दौरान सामने आने वाले ब्यौरे पर निर्भर करेगी।

उन्होंने कहा कि कुमार को एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा क्योंकि एजेंसी को पांच ऑडियो क्लि‍पिंग मिले हैं, जिनमें वह कथित तौर पर संबंधित अधिकारियों को ठेके के करारों में कथित रूप से गड़बडी के लिए मौखिक निर्देश दे रहे हैं। सूत्रों ने दावा किया कि कथित क्लि‍पिंग कुमार के ईमेल एकाउंट से मिले हैं और ये उन अधिकारियों पर उनके प्रभाव का संकेत देते हैं जिनके नाम प्राथमिकी में दर्ज नहीं किए गए हैं तथा उन्हें आरोपपत्र में शामिल किया जा सकता है।

सीबीआई ने कहा कि उसने कुमार तथा अन्य के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। अधिकारी के खिलाफ आरोप हैं कि उन्होंने ‘पिछले कुछ वर्षों के दौरान दिल्ली सरकार के विभागों से ठेके दिलाने में एक खास कंपनी को लाभ पहुंचाया।’ एक निजी कंपिनी को 2007 से 2009 के दौरान पांच ठेकों में कथित तौर पर 9.5 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाने के आरोप में कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) और भ्रष्टाचार निवारण कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सीबीआई ने मामला दर्ज करने के बाद अपने बयान में कहा था कि आरोपी ने आईसीएसआईएल (इंटेलिजेंट कम्यूनिकेशन सिस्टम्स इंडिया लि.) के जरिए कंपनी को कथित तौर पर करीब 9.50 करोड़ रुपये के ठेके दिलाने में मदद की।

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