विज्ञापन
This Article is From Oct 26, 2018

सीबीआई विवादः केंद्र के पूर्व सचिव बोले- जब योग्यता नहीं वफादारी पर चुने जाएंगे तो भुगतेंगी संस्थाएं

भारत सरकार के पूर्व शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप (Anil Swarup) ने सीबीआई में विवाद( CBI feud) के बीच संस्थाओं में योग्यता की जगह वफादारी के आधार पर नियुक्तियों पर सवाल उठाए हैं.

सीबीआई विवादः केंद्र के पूर्व सचिव बोले- जब योग्यता नहीं वफादारी पर चुने जाएंगे तो भुगतेंगी संस्थाएं
1981 बैच के रिटायर्ड आईएएस और भारत सरकार के पूर्व शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप की फाइल फोटो.
नई दिल्ली: सीबीआई में इन दिनों दो शीर्ष अफसरों के बीच मचे घमासान ( CBI feud)  और इस पर जांच एजेंसी के कामकाज में पैदा हुए गतिरोध का का मामला चर्चा-ए-खास है. विवाद के कारणों को लेकर तरह-तरह के निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं. सबकी अपनी-अपनी राय है. फिलहाल केंद्र के दखल पर सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना फोर्स लीव पर हैं. नागेश्वर राव अंतरिम निदेशक के तौर पर सीबीआई का कामकाज संभाल रहे हैं. इस पूरे घटनाक्रम के बीच भारत सरकार के पूर्व शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप (Anil Swarup) ने गंभीर बात कही है. इसी साल 30 जून को रिटायर हुए 1981 बैच के आईएएस अफसर अनिल स्वरूप ने संस्थाओं में योग्यता को दरकिनार कर हो रहीं नियुक्तियों पर सवाल उठाए हैं. 

अनिल स्वरूप ने अपने ब्लू टिक वाले आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, "यदि चयन और प्रोत्साहन योग्यता और निष्पक्षता नहीं बल्कि वफादारी पर आधारित होते हैं तो संगठनों को इसे भुगतना होगा. जो सक्षम होते हैं वे आत्मसम्मान रखते हैं और अवसर आने पर  स्पष्ट भी रहते हैं. उनकी वफादारी एक कारण होती है. वे किसी भी पोजीशन पर कब्जे का कदम नहीं उठाते. ..पसंद हमारा है."
 
pjdif918

संस्थाओं में मेरिट नहीं वफादारी के आधार पर नियुक्तियों पर ट्वीट कर अनिल स्वरूप ने उठाए सवाल



यूं तो अनिल स्वरूप ने यह ट्वीट बहुत संभलकर किया है. उनके ट्वीट में न 'सीबीआई' का जिक्र है न किसी 'अफसर' शब्द का जिक्र है. फिर भी सीबीआई के अफसरों के बीच हुए भारी विवाद के बाद जिस तरह से संस्था के रूप में सीबीआई की विश्वसनीयता और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हुए हैं, उसी दौरान अनिल स्वरूप के आए इस ट्वीट को जोड़कर देखा जा रहा है. अनिल स्वरूप ने अपने ट्वीट में आर्गनाइजेशन शब्द का इस्तेमाल किया है. माना जा रहा है कि उन्होंने सीबीआई के मौजूदा हालात की तरफ इशारा किया है. 

तेजतर्रार अफसर माने जाते हैं अनिल स्वरूप
अनिल स्वरूप की गिनती अपने जमाने के तेजतर्रार आईएएस अफसरों में होती है. 1981 बैच के यूपी काडर के आईएएस अफसर रहे हैं. पिछले 30 जून को भारत सरकार के शिक्षा सचिव पद से रिटायर हुए. कोयला घोटाले की आंच का सामना कर रहे कोयला मंत्रालय के सचिव का जब चुनौतिया भरा पद संभाला तो उसे संकट से उबारने का श्रेय अिल स्वरूप को जाता है. कोल सेक्रेटरी रहने के दौरान अनिल स्वरूप ने ईमानदार अफसरों की टीम तैयार कर माफियाओं के तंत्र पर चोट किया. रिकॉर्ड कोयला उत्पादन बढ़ाकर शार्टेज की समस्या दूर की. जिससे माफियाओं का तंत्र कमजोर हुआ. कोयला का उत्पादन बढ़ने से माफियाओं की कमर तोड़ दी.

दरअसल पहले कम कोयले के उत्पादन के कारण माफिया हावी रहते थे और कोल ब्लॉक आवंटन में खेल चलता था. राजनीति विज्ञान से एमए अनिल स्वरूप करीब तीन दशक भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुड़े रहे. 1990 के दशक में खीरी के डीएम रहे और तीन दशक के करियर में यूपी में औद्योगिक विभाग के सचिव सहित कई पदों पर रहे.  फिर केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हुए.  2006 से 2013 के बीच वह श्रम मंत्रालय में रहे. ज्वाइंटर और एडिशनल सेक्रेटरी के तौर पर. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी स्कीम शुरू कराई. जिसके जरिए नौ करोड़ से ज्यादा लोगों को लाभ मिला. 

वीडियो-प्राइम टाइम: 'ऑपरेशन CBI का राफेल कनेक्शन'


 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
ब्राजील की गायों में दौड़ रहा 'कृष्णा' का खून, समझें भावनगर के महाराज के गिफ्ट से कैसे बनी इतनी बड़ी मिल्क इंडस्ट्री?
सीबीआई विवादः केंद्र के पूर्व सचिव बोले- जब योग्यता नहीं वफादारी पर चुने जाएंगे तो भुगतेंगी संस्थाएं
5 साल... 5 हजार वीजा और ₹300 करोड़ की कमाई, दिल्‍ली पुलिस ने फर्जी वीजा फैक्‍ट्री का किया भंडाफोड़
Next Article
5 साल... 5 हजार वीजा और ₹300 करोड़ की कमाई, दिल्‍ली पुलिस ने फर्जी वीजा फैक्‍ट्री का किया भंडाफोड़
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com