जीवीके ग्रुप ऑफ कंपनीज (GVK Group of Companies) के अध्यक्ष जी वेंकट कृष्णा रेड्डी और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के खिलाफ कथित तौर पर 805 करोड़ रुपये की अनियमितता के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. सूत्रों ने NDTV को यह जानकारी दी. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर किए गए इस मामले में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और नौ अन्य निजी कंपनियों के अधिकारियों का भी नाम है.एफआईआर के अनुसार, इन सब पर 'अपने लिए 805 करोड़ से अधिक का गलत लाभ उठाने और 2012-2018 के बीच सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने' का आरोप लगाया गया है.
एफआईआर के अनुसार, मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड या एमआईएएल नामक एक संयुक्त उद्यम कंपनी का गठन जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड, एयरपोर्ट अथॉरिटी इंडिया और कुछ अन्य विदेशी संस्थाओं द्वारा किया गया था. जीवीके के पास 50.5 प्रतिशत शेयर हैं और 26 प्रतिशत एएआई के पास है.जीवीके रेड्डी एमआईएएल के अध्यक्ष हैं और जीवी संजय रेड्डी, जिन्हें एफआईआर में भी नामित किया गया है, एमआईएएल के प्रबंध निदेशक हैं.
जांच एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि आरोपियों ने नौ अन्य निजी कंपनियों के साथ अनुबंधों को करके 310 करोड़ रुपये का गबन किया है. यह कहा गया है कि 2017-18 के बीच मुंबई हवाई अड्डे के चारों ओर 200 एकड़ अविकसित भूमि पार्सल में अचल संपत्ति का विकास किया गया था, एजेंसी ने इस पर सवाल खड़ा किया है.
एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि "जीएकेके ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटरों ने एएआई को नुकसान पहुंचाने के लिए आपराधिक इरादे के साथ, एमआईएएल के अधिशेष राशियों का उपयोग 2012 और 2018 के बीच उनकी अन्य समूह कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए काम किया.एफआईआर में कहा गया है कि एमआईएएल में जीवीके ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटरों ने एमआईएएल के खर्च को बढ़ाने के लिए संयुक्त उद्यम कंपनी के 100 करोड़ से अधिक का गबन किया है.
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