प्रतीकात्मक फोटो
बेंगलुरु:
कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए 10 दिनों के लिए कावेरी का 15000 क्यूसेक जल देने का आदेश देने वाले उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीशों के खिलाफ शनिवार को यहां एक स्थानीय अदालत में एक निजी शिकायत दर्ज कराई गई. न्यायालय के इस आदेश का राज्य में काफी विरोध हुआ है.
सीआरपीसी की धारा 200 के तहत दर्ज शिकायत में कर्नाटक एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के नाम का भी जिक्र है. यह शिकायत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) की अदालत में दर्ज कराई गई. मांड्या निवासी शिकायकर्ता एमडी राजन्ना ने कर्नाटक एवं तमिलनाडु के मुख्य सचिवों और कर्नाटक जल संसाधन मंत्री एमबी पाटिल का भी नाम लिया है.
राजन्ना ने यह भी कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 262 में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय का अंतरराज्यीय जल विवादों पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और इसलिए वह ऐसे मामलों में फैसला नहीं सुना सकता. अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 14 सितंबर की तारीख तय की है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सीआरपीसी की धारा 200 के तहत दर्ज शिकायत में कर्नाटक एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के नाम का भी जिक्र है. यह शिकायत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) की अदालत में दर्ज कराई गई. मांड्या निवासी शिकायकर्ता एमडी राजन्ना ने कर्नाटक एवं तमिलनाडु के मुख्य सचिवों और कर्नाटक जल संसाधन मंत्री एमबी पाटिल का भी नाम लिया है.
राजन्ना ने यह भी कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 262 में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय का अंतरराज्यीय जल विवादों पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और इसलिए वह ऐसे मामलों में फैसला नहीं सुना सकता. अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 14 सितंबर की तारीख तय की है.
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