
सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:
रोहिंग्या मुस्लिमों के मामले में नया मोड़ आया है. चेन्नई के एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. अर्जी में कहा गया है कि रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में रहने की इजाजत देना अशांति, हंगामा और दुर्दशा को आमंत्रित करने के समान है. रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में रहने ना दिया जाए. अर्जी में रोहिंग्या मुसलमान को 'इस्लामिक आतंक' का चेहरा बताया गया है. कहा गया है कि म्यांमार ने रोहिंग्या मुसलमान को नागरिकता देने से इनकार कर दिया था जिसके बाद म्यांमार में हिंसा करने केबाद रोहिंग्या मुसलमान भारत भागकर आ गए है और जम्मू- कश्मीर, हैदराबाद, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर आदि जगहों पर अवैध रूप से रह रहे हैं. रोहिंग्य मुसलमान 'इस्लामिक आतंक' का चेहरा. चेन्नई के एक समूह 'इंडिक कलेक्टिव' ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा.
चेन्नई के एक समूह 'इंडिक कलेक्टिव' ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा, रोहिंग्या मुसलमान 'इस्लामिक आतंक' का चेहरा है और रोहिंग्या मुसलमान को भारत में रहने की इजाजत देना अशांति, हंगामा और दुर्दशा को आमंत्रित करने के समान हैं.
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इंडिक कलेक्टिव ने अपनी याचिका में कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट को यह बताना चाहता है कि रोहिंग्य मुसलमान को भारत में रहने की इजाजत देने से क्या खतरा है इस लिए रोहिंग्य मुसलमानों से संबंधित मामले में उन्हें भी सुना जाए. अर्जी में रोहिंग्या मुसलमानों से संबंधित मामले में दखल देने इजाजत मांगी गई है.
VIDEO: रोहिंग्या मुसलमानों की समस्या
इससे पहले रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने के केद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर CJI दीपक मिश्रा की बेंच ने चार सितंबर को इस मामले में केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट 11 सितंबर को मामले सुनवाई करेगा.
चेन्नई के एक समूह 'इंडिक कलेक्टिव' ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा, रोहिंग्या मुसलमान 'इस्लामिक आतंक' का चेहरा है और रोहिंग्या मुसलमान को भारत में रहने की इजाजत देना अशांति, हंगामा और दुर्दशा को आमंत्रित करने के समान हैं.
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इंडिक कलेक्टिव ने अपनी याचिका में कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट को यह बताना चाहता है कि रोहिंग्य मुसलमान को भारत में रहने की इजाजत देने से क्या खतरा है इस लिए रोहिंग्य मुसलमानों से संबंधित मामले में उन्हें भी सुना जाए. अर्जी में रोहिंग्या मुसलमानों से संबंधित मामले में दखल देने इजाजत मांगी गई है.
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इससे पहले रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने के केद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर CJI दीपक मिश्रा की बेंच ने चार सितंबर को इस मामले में केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट 11 सितंबर को मामले सुनवाई करेगा.
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