कन्नड़ लेखक केएस भगवान (फाइल फोटो)
मंगलुरू:
लेखक एमएम कलबुर्गी के बाद अब दक्षिण भारत का एक और लेखक दक्षिणपंथी समूहों के निशाने पर आ गया है। प्रसिद्ध कन्नड़ लेखक केएस भगवान के खिलाफ कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को ‘‘आहत करने’’ का मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि उनको कुछ दक्षिणपंथी समूहों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।
'कानून को अपना काम करने दो'
प्राथमिकी पर प्रतिक्रिया देते हुए तर्कवादी स्वतंत्र चिंतक और लेखक भगवान ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘बहुत अच्छा.. मैं तैयार हूं, कानून को अपना काम करने दो।’’
'धर्म के नाम पर हमारी भावनाओं को आहत किया'
लेखक ने कहा कि ‘‘धर्म के नाम पर, प्रतिक्रियावादी तत्वों ने हमारी भावनाओं को आहत किया है, उन्हें लगता है कि समाज के दबे-कुचले वर्गों की कोई भावना ही नहीं है, क्योंकि वे ज्यादातर चुप रहते हैं।’’
लेखक को देनी पड़ी सुरक्षा
पुलिस ने बताया कि दक्षिण कन्नड़ जिले के एक थाने में इस लेखक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हिंदुत्व और हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ बोलने और लिखने के कारण वह दक्षिणपंथी समूहों के निशाने पर आ गए हैं। इसे देखते हुए पुलिस को मैसूर के इस लेखक को सुरक्षा मुहैया करानी पड़ी है।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने भगवान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 295(ए), जो किसी भी धर्म या धार्मिक आस्था का अपमान कर धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिहाज से जान-बूझकर दुर्भावनापूर्ण कृत्य करने से जुड़ी है, और 153(बी) के तहत मामला दर्ज किया है।
'भगवान और कुछ अन्य लेखकों ने हिंदुत्व और देवताओं का अपमान किया'
लेखक के खिलाफ अपनी शिकायत में जिले के बेलथंगड़ी के होसामूले निवासी श्याम सुदर्शन भट ने आरोप लगाया है कि भगवान और कुछ अन्य लेखकों ने 19 सितंबर को बेंगलुरू में आयोजित एक कार्यक्रम में हिंदुत्व और हिंदू देवी-देवताओं का अपमानजनक संदर्भ में जिक्र किया, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि लेखकों ने रामायण, महाभारत और हिंदू देवी-देवताओं के बारे में गलत बोला, भगवान राम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं और यहां तक कहा कि भगवद गीता पढ़ने वाले आतंकवादी बन जाएंगे। शिकायत करने वाले का कहना है कि टिप्पणियों से हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंची है और वे कानून के खिलाफ तथा दंडनीय हैं।
गृहमंत्री केजे जॉर्ज ने आठ सितंबर को शहर के दौरे पर कहा था कि यह बात उनके संज्ञान में नहीं आई है कि भगवान ने हिंदुत्व के संबंध में कुछ अपमानजनक टिप्पणी की है। उन्होंने कहा था कि इस संबंध में शिकायत होने पर पुलिस प्राथमिकी दर्ज करेगी।
लेखक भगवान को मिले हैं कई पुरस्कार
लेखक भगवान की विवादित टिप्पणियों को लेकर हाल ही में सोशल मीडिया पर बहुत आलोचना हुई है। सत्तर वर्षीय लेखक भगवान मैसूर के एक अवकाश प्राप्त अंग्रेजी प्रोफेसर हैं। उन्हें कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार सहित कई सम्मान मिल चुके हैं।
धमकी भरे फोन करने के आरोप में एक गिरफ्तार
इस बीच बेंगलुरू में छात्रावास वार्डन और पुजारी के रूप में काम करने वाले एक व्यक्ति को कर्नाटक साहित्य अकादमी को कथित रूप से धमकी भरे फोन करने के आरोप में उत्तरी कर्नाटक के हुबली से गिरफ्तार किया गया है। लेखक केएस भगवान को वार्षिक ‘ऑनरेरी अवार्ड फॉर लाइफटाइम एचीवमेंट, 2013’ के लिए चुने जाने पर आरोपी ने धमकी भरे फोन किए थे।
पुलिस ने बुधवार को बताया कि आरोपी द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन के माध्यम से कल उसे खोज निकाला गया। पुलिस उपायुक्त (बेंगलुरू सेंट्रल) संदीप पाटिल ने बताया कि आरोपी को अदालत में पेश किया गया और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
अकादमी ने की थी शिकायत
पुरस्कार की घोषणा के बाद साहित्य अकादमी ने धमकी भरे फोन आने की शिकायत की थी। यह पुरस्कार 7 नवंबर को धारवाड़ में लेखक भगवान और अन्य लोगों को दिया जाएगा। अकादमी के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें लेखक भगवान का पुरस्कार के लिए चयन करने पर कई धमकी भरे फोन आए हैं। इस घटना के बाद अकादमी को पुलिस ने सुरक्षा भी मुहैया कराई है।
'कानून को अपना काम करने दो'
प्राथमिकी पर प्रतिक्रिया देते हुए तर्कवादी स्वतंत्र चिंतक और लेखक भगवान ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘बहुत अच्छा.. मैं तैयार हूं, कानून को अपना काम करने दो।’’
'धर्म के नाम पर हमारी भावनाओं को आहत किया'
लेखक ने कहा कि ‘‘धर्म के नाम पर, प्रतिक्रियावादी तत्वों ने हमारी भावनाओं को आहत किया है, उन्हें लगता है कि समाज के दबे-कुचले वर्गों की कोई भावना ही नहीं है, क्योंकि वे ज्यादातर चुप रहते हैं।’’
लेखक को देनी पड़ी सुरक्षा
पुलिस ने बताया कि दक्षिण कन्नड़ जिले के एक थाने में इस लेखक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हिंदुत्व और हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ बोलने और लिखने के कारण वह दक्षिणपंथी समूहों के निशाने पर आ गए हैं। इसे देखते हुए पुलिस को मैसूर के इस लेखक को सुरक्षा मुहैया करानी पड़ी है।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने भगवान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 295(ए), जो किसी भी धर्म या धार्मिक आस्था का अपमान कर धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिहाज से जान-बूझकर दुर्भावनापूर्ण कृत्य करने से जुड़ी है, और 153(बी) के तहत मामला दर्ज किया है।
'भगवान और कुछ अन्य लेखकों ने हिंदुत्व और देवताओं का अपमान किया'
लेखक के खिलाफ अपनी शिकायत में जिले के बेलथंगड़ी के होसामूले निवासी श्याम सुदर्शन भट ने आरोप लगाया है कि भगवान और कुछ अन्य लेखकों ने 19 सितंबर को बेंगलुरू में आयोजित एक कार्यक्रम में हिंदुत्व और हिंदू देवी-देवताओं का अपमानजनक संदर्भ में जिक्र किया, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि लेखकों ने रामायण, महाभारत और हिंदू देवी-देवताओं के बारे में गलत बोला, भगवान राम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं और यहां तक कहा कि भगवद गीता पढ़ने वाले आतंकवादी बन जाएंगे। शिकायत करने वाले का कहना है कि टिप्पणियों से हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंची है और वे कानून के खिलाफ तथा दंडनीय हैं।
गृहमंत्री केजे जॉर्ज ने आठ सितंबर को शहर के दौरे पर कहा था कि यह बात उनके संज्ञान में नहीं आई है कि भगवान ने हिंदुत्व के संबंध में कुछ अपमानजनक टिप्पणी की है। उन्होंने कहा था कि इस संबंध में शिकायत होने पर पुलिस प्राथमिकी दर्ज करेगी।
लेखक भगवान को मिले हैं कई पुरस्कार
लेखक भगवान की विवादित टिप्पणियों को लेकर हाल ही में सोशल मीडिया पर बहुत आलोचना हुई है। सत्तर वर्षीय लेखक भगवान मैसूर के एक अवकाश प्राप्त अंग्रेजी प्रोफेसर हैं। उन्हें कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार सहित कई सम्मान मिल चुके हैं।
धमकी भरे फोन करने के आरोप में एक गिरफ्तार
इस बीच बेंगलुरू में छात्रावास वार्डन और पुजारी के रूप में काम करने वाले एक व्यक्ति को कर्नाटक साहित्य अकादमी को कथित रूप से धमकी भरे फोन करने के आरोप में उत्तरी कर्नाटक के हुबली से गिरफ्तार किया गया है। लेखक केएस भगवान को वार्षिक ‘ऑनरेरी अवार्ड फॉर लाइफटाइम एचीवमेंट, 2013’ के लिए चुने जाने पर आरोपी ने धमकी भरे फोन किए थे।
पुलिस ने बुधवार को बताया कि आरोपी द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन के माध्यम से कल उसे खोज निकाला गया। पुलिस उपायुक्त (बेंगलुरू सेंट्रल) संदीप पाटिल ने बताया कि आरोपी को अदालत में पेश किया गया और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
अकादमी ने की थी शिकायत
पुरस्कार की घोषणा के बाद साहित्य अकादमी ने धमकी भरे फोन आने की शिकायत की थी। यह पुरस्कार 7 नवंबर को धारवाड़ में लेखक भगवान और अन्य लोगों को दिया जाएगा। अकादमी के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें लेखक भगवान का पुरस्कार के लिए चयन करने पर कई धमकी भरे फोन आए हैं। इस घटना के बाद अकादमी को पुलिस ने सुरक्षा भी मुहैया कराई है।
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