प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्रालय ने सेना के साथ कई सप्ताह के विचार विमर्श के बाद देश में छावनी क्षेत्र की किसी सड़क को बंद करने को लेकर एक मानक प्रोटोकॉल तैयार किया है . इस बात पर जोर दिया है कि बल की उभरती सुरक्षा आवश्यकताओं को ध्यान में रखा गया है.गत मई में रक्षा मंत्रालय ने 62 छावनियों स्थित सड़कों पर सामान्य आम लोगों को पहुंच की इजाजत दी थी लेकिन उस कदम पर सुरक्षा चिंताएं उठायी गई थीं.
सैन्य अधिकारियों की पत्नियों की ओर से सरकार के निर्णय के खिलाफ एक देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया था.उसके बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत,रक्षा संपदा संगठन के अधिकारियों और अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ कई दौर की चर्चा की.मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय ने सैन्य मुख्यालय के साथ समन्वय के साथ छावनी क्षेत्र की सड़कों को बंद करने के लिए एक मानक प्रोटोकॉल तैयार किया है.ऐसा छावनी कानून, 2006 के अनुपालन के तहत किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि ऐसी सड़कों के मामले में सड़क बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है जिसे स्थानीय सैन्य प्राधिकारी जरूरी मानते हैं लेकिन उन्हें इसके लिए कारण बताने होंगे. (इनपुट भाषा से)
सैन्य अधिकारियों की पत्नियों की ओर से सरकार के निर्णय के खिलाफ एक देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया था.उसके बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत,रक्षा संपदा संगठन के अधिकारियों और अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ कई दौर की चर्चा की.मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय ने सैन्य मुख्यालय के साथ समन्वय के साथ छावनी क्षेत्र की सड़कों को बंद करने के लिए एक मानक प्रोटोकॉल तैयार किया है.ऐसा छावनी कानून, 2006 के अनुपालन के तहत किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि ऐसी सड़कों के मामले में सड़क बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है जिसे स्थानीय सैन्य प्राधिकारी जरूरी मानते हैं लेकिन उन्हें इसके लिए कारण बताने होंगे. (इनपुट भाषा से)
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