यह ख़बर 08 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

शीला के बचाव को सरकार ने कसी कमर

खास बातें

  • सरकार ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल सम्बंधी सीएजी रिपोर्ट में उच्च पदों पर आसीन किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया गया है।
नई दिल्ली:

राष्ट्रमंडल खेल आयोजन में हुई अनियमितता में कथित भूमिका को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के इस्तीफे की विपक्ष की मांग पर सरकार ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रमंडल खेल सम्बंधी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में उच्च पदों पर आसीन किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया गया है। शुक्रवार को जारी सीएजी की रिपोर्ट में शीला पर ऊंगली उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने संवाददाताओं से कहा, "शीला दीक्षित को तो छोड़िए, उच्च पदों पर आसीन किसी भी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया गया है।" सोनी ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल सम्बंधी ठेका आवंटन में शीला की भूमिका के बारे में जिक्र तो है लेकिन उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। सोनी के साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी मीडिया से बातचीत की। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में दीक्षित को  'दोषी' नहीं बताया गया है। सिब्बल ने कहा कि संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) सीएजी की रिपोर्ट की जांच करेगी। सरकार इसके बाद ही अपना रुख तय करेगी। उन्होंने विपक्ष से राष्ट्रमंडल खेल के मुद्दे पर संसद में गतिरोध तोड़ने की अपील भी की और जोर देते हुए कहा कि संसद का कामकाज चलने देना विपक्ष का दायित्व है। उल्लेखनीय है कि शीला को पद से हटाने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया, जिसके चलते कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।


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