यह ख़बर 01 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

रेप पर कड़े कानूनों को लेकर अध्यादेश ला सकती है सरकार

खास बातें

  • महिलाओं के खिलाफ यौन हमलों के मामलों में कड़ी कार्रवाई करने के लिए कानून में संशोधन करने की जस्टिस वर्मा समिति की सिफारिशों पर केंद्रीय कैबिनेट आज यह विचार करेगा कि इस बारे में अध्यादेश लाया जाए या नहीं।
नई दिल्ली:

महिलाओं के खिलाफ यौन हमलों के मामलों में कड़ी कार्रवाई करने के लिए कानून में संशोधन करने की जस्टिस वर्मा समिति की सिफारिशों पर केंद्रीय कैबिनेट आज यह विचार करेगा कि इस बारे में अध्यादेश लाया जाए या नहीं।

अध्यादेश के जरिये यौन अपराध के मामलों में कड़े कैद और रेप के बर्बर मामलों में ताउम्र कैद का प्रावधान किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आश्वासन दिया था कि महिलाओं के खिलाफ यौन हमलों के मामलों में कड़ी कार्रवाई करने के लिए कानून में संशोधन करने की न्यायमूर्ति वर्मा समिति की सिफारिशों को उनकी सरकार तत्परता से आगे बढ़ाएगी।

न्यायमूर्ति वर्मा को लिखे पत्र में मनमोहन सिंह ने 30 दिन के अल्प समय में ही समिति का कार्य पूरा कर लेने के लिए उन्हें और समिति के दो अन्य सदस्यों न्यायमूर्ति लैला सेठ और सोलिसीटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम का धन्यवाद करते हुए कहा था कि समिति ने अपनी रिपोर्ट 30 दिन की अल्प समयावधि के भीतर ही पेश कर दी, जो सार्वजनिक भलाई वाले कार्य के प्रति आपकी प्रतिबद्धतता और चिंता का परिचायक है। पत्र में उन्होंने कहा था, सरकार की ओर से, मैं आपको आश्वासन देता हूं कि समिति की सिफारिशों को तत्परता से आगे बढ़ाया जाएगा।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

न्यायमूर्ति वर्मा समिति ने बलात्कार और हत्या करने वाले अपराधियों के लिए 20 साल के कारावास और सामूहिक बलात्कार के लिए आजीवन कारावास का दंड देने की सिफारिश की है, लेकिन उसने मृत्युदंड का सुझाव नहीं दिया। सरकार को 23 जनवरी को सौंपी अपनी 630 पृष्ठीय सिफारिशों में आपराधिक कानूनों में कई संशोधन करने के सुझाव दिए हैं। इसमें बलात्कार करने वाले पुलिसकर्मियों और सार्वजनिक सेवकों को अन्य लोगों से अधिक सजा दिए जाने की सिफारिश की गई है।