नागरिकता कानून (CAA) को लेकर हुई हिंसा के बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार को 21 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है. यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, ''कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. हमने 21 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है, स्थिति की मांग के अनुसार बहाल किया जाएगा.'' DGP ने यह भी कहा, "मासूमों को हाथ भी नहीं लगा रहे हैं, और जो इसमें (हिंसा में) शामिल हैं, उन्हें हम नहीं बख्शेंगे. इसीलिए हमने कई संगठनों के सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है, भले ही वह PFI हो या कोई अन्य राजनैतिक दल... राज्य के 21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं."
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OP Singh, UP DGP: We are not touching innocents and we will not spare people who were involved in it (violence). And that is the reason we have arrested active members of many organisations, whether it is PFI or any other political parties. #CAAProtests https://t.co/puFTLUNPhE
— ANI UP (@ANINewsUP) December 27, 2019
बता दें कि 19 से 21 दिसंबर के बीच राज्य के कई हिस्सों में हिंसा भड़की थी, जिसमें 21 प्रदर्शनकारियों के मारे जाने का दावा किया गया. कई शवों में बंदूक की गोली के घाव थे, लेकिन पुलिस ने जोर देकर कहा कि उन्होंने प्लास्टिक की गोलियों और रबर की गोलियों के अलावा और कुछ इस्तेमाल नहीं किया है.
जवाबी कार्रवाई को सही ठहराने के प्रयास में पुलिस ने हाल ही में विरोध प्रदर्शनों के दौरान दो प्रदर्शनकारियों की गोलीबारी करते हुए तस्वीरों और वीडियो की एक सीरीज जारी की. उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने दावा किया कि इस हिंसा में पुलिस को भी भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, '21 जिलों में भड़की हिंसा में 288 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. उनमें से 62 पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हुए हैं.
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कैसे शुरू हुआ CAA विवाद?
नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में 9 दिसंबर, 2019 को पास होने के बाद 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पेश किया जहां एक लंबी बहस के बाद यह बिल पास हो गया. इस बिल के पास होने के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून बन गया. इस कानून के विरोध में असम, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. 15 दिसंबर को इस कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. इस प्रदर्शन में कई छात्रों समेत पुलिस के कुछ जवान भी घायल हो गए.
जामिया की घटना के अगले दिन 16 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सीलमपुर में जमकर प्रदर्शन हुए. इस प्रदर्शन के दौरान पथराव की घटना हुई. 17 दिसंबर को देश के दूसरे हिस्सों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए. जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में देश के कई यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन हुए. कई यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी, 2020 के लिए बंद कर दिया गया है और छात्रों से हॉस्टल खाली करा लिया गया. इस कानून के विरोध में अब दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
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