नई दिल्ली:
देश को चलने वाले नौकरशाहों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईना दिखाया और कहा कि वो अपने समय से दस साल पीछे हैं। प्रधानमंत्री ने सिविल सेवा दिवस के मौके पर देश भर से आए सिविल सर्वेन्ट्स यानी नौकरशाहों को कहा, 'अगर हम सिर्फ एशिया के देशों की बात करें तो उनसे भी हम लोग दस साल पीछे हैं और जब हम वहां पहुंचेंगे तो न जाने वो सब देश कहां पहुंच जाएंगे।'
गुड गवर्नेंस के लिए प्रधानमंत्री का कहना है कि अफसरों को 'ART' का सहारा लेना होगा यानी A से accountability, R से responsibility और T से transperancy।
पीएम ने कहा, 'आपसे पहले कितने अफसरों ने कितना कुछ किया है देश के लिए, आपको भी करना है, ये मत सोचो आपके अकेले काम करने से क्या होगा, सिर्फ फाइल के नजरिये से मत सोचो बल्कि ये सोचो कि और बेहतर और मॉडर्न गवर्नेंस कैसे दी जाए।'
ये पहला मौका था जब प्रधानमंत्री देश के हर कोने से आए आईएएस अफसरों से रूबरू हुए। बातचीत के दौरान उन्होंने अफसरों को ये नसीहत भी दी कि वो सिर्फ अपने बारे में न सोचें। पीएम ने उन्हें ये भी बताया कि सब अफसरों को मिल कर ब्यूरोक्रेसी की परिभाषा बदलने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब भी कुछ अटक जाता है या फिर गलत होता है या फिर अड़ंगा लगता है, तो हम लोग ये शब्द इस्तेलामल करते हैं, इसे बदलने की जरूरत है।' प्रधानमंत्री ने हंसते हुए कहा, 'पोलिटिकल इंटरफेरन्स नहीं पॉलिटिकल इंटरवेंशन की जरूरत है देश को।'
अफसरों ने प्रधानमंत्री द्वारा दी गयी नसीहतों को सराहा भी। एक अफसर ने एनडीटीवी इंडिया से कहा, 'उन्होंने साफ़ कहा कि राजनैतिक दखलंदाज़ी की जो चर्चा होती है वो सही नहीं है और उन्होंने हम लोगों पर भरोसा जताया है।'
गुड गवर्नेंस के लिए प्रधानमंत्री का कहना है कि अफसरों को 'ART' का सहारा लेना होगा यानी A से accountability, R से responsibility और T से transperancy।
पीएम ने कहा, 'आपसे पहले कितने अफसरों ने कितना कुछ किया है देश के लिए, आपको भी करना है, ये मत सोचो आपके अकेले काम करने से क्या होगा, सिर्फ फाइल के नजरिये से मत सोचो बल्कि ये सोचो कि और बेहतर और मॉडर्न गवर्नेंस कैसे दी जाए।'
ये पहला मौका था जब प्रधानमंत्री देश के हर कोने से आए आईएएस अफसरों से रूबरू हुए। बातचीत के दौरान उन्होंने अफसरों को ये नसीहत भी दी कि वो सिर्फ अपने बारे में न सोचें। पीएम ने उन्हें ये भी बताया कि सब अफसरों को मिल कर ब्यूरोक्रेसी की परिभाषा बदलने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब भी कुछ अटक जाता है या फिर गलत होता है या फिर अड़ंगा लगता है, तो हम लोग ये शब्द इस्तेलामल करते हैं, इसे बदलने की जरूरत है।' प्रधानमंत्री ने हंसते हुए कहा, 'पोलिटिकल इंटरफेरन्स नहीं पॉलिटिकल इंटरवेंशन की जरूरत है देश को।'
अफसरों ने प्रधानमंत्री द्वारा दी गयी नसीहतों को सराहा भी। एक अफसर ने एनडीटीवी इंडिया से कहा, 'उन्होंने साफ़ कहा कि राजनैतिक दखलंदाज़ी की जो चर्चा होती है वो सही नहीं है और उन्होंने हम लोगों पर भरोसा जताया है।'
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