राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राज्यसभा के बजट सत्र का शनिवार को अवसान कर दिया। इससे सरकार के पास भूमि अधिग्रहण विधेयक में संशोधन कर अध्यादेश लाने का अवसर होगा। यह फैसला संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक किया गया। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की।
दिसंबर में जारी किए गए अध्यादेश का स्थान लेने के लिए भूमि विधेयक को लोकसभा ने शीतकालीन सत्र के विराम से पहले हिस्से में पारित कर दिया था। लेकिन राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत न होने की वजह से इसके पारित होने में गतिरोध बरकरार रहा।
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों से आम सहमति बनाने के प्रयासों के विफल होने के बाद राज्यसभा के सत्रावसान का फैसला किया गया। इस तरह राज्यसभा का 23 फरवरी से शुरू हुए 234वें सत्र का अवसान हो गया। लोकसभा के बजट सत्र के साथ ही इसकी शुरुआत हुई थी और विराम के बाद 20 अप्रैल से इसकी दोबारा बैठकें शुरू होने की संभावना थी, जो कि अब समाप्त हो गई।
संविधान का अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह बिना संसद की अनुमति के नए कानून के रूप में अध्यादेश को मंजूरी दे। लेकिन ऐसा तब नहीं किया जा सकता है जब दोनों सदनों का सत्र चल रहा हो।
अब राज्यसभा के सत्रावसान से यह साफ हो गया है कि सरकार भूमि विधेयक के पांच अप्रैल को निष्फल हो जाने तक नया अध्यादेश ला सकती है।
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