सोने-चांदी (Gold-Silver) के ऊंचे दामों के साथ कोरोना काल में लोगों की जेब पर पड़े असर से ज्वेलरी कारोबार भी मंदी की मार झेल रहा है. ऐसे में स्वर्ण कारोबारियों ने बजट 2021 (Budget 2021) सरकार से सोने के आयात पर कस्टम ड्यूटी (Custom Duty) घटाने की गुहार लगाई है.
दिल्ली में ज्वेलरी एवं बुलियन एसोसिएशन (Jewelery and Bullion association) के अध्यक्ष योगेश सिंघल का कहना है कि सोने पर सीमा शुल्क (Custom Duty) 12.5 फीसदी है, जो 4% होनी चाहिए ताकि अनावश्यक प्रतिस्पर्धा न हो. उनका कहना है कि कम कस्टम ड्यूटी से सोने की तस्करी (Gold Smuggling) और अवैध व्यापार पर अंकुश लगेगा.
बुलियन और ज्वेलरी की बिक्री पर टीसीएस (TCS) लागू न हो ताकि नकारात्मक प्रभाव ना पड़े. आभूषण कारोबारियों का कहना है कि लंबे समय से सोने-चांदी के ऊंचे दामों और लॉकडाउन (Lockdown) समेत कोरोना काल ने इंडस्ट्री की कमर तोड़ दी है. इससे उद्योग से जुड़े 5-6 करोड़ लोगों की आजीविका पर संकट है.
ज्वेलरी इंडस्ट्री को पीएमएलए कानून (PMLA Act) के दायरे से बाहर रखने की मांग भी की गई है. उनका कहना है कि कारोबारी कोई आतंकी गतिविधि या देश विरोधी कार्य नहीं करते, ऐसे में ऐसे कानून के दायरे में लाने से उत्पीड़न बढ़ेगा.
ज्वेलरी इंडस्ट्री पर एवरेज सिस्टम की जगह लीफो सिस्टम (LEFO system) यानी लास्ट इन फर्स्ट आउट सिस्टम लागू हो ताकि ज्वैलर्स को स्टॉक बेचकर टैक्स न चुकाना पड़े यानी ज्वैलर का स्टॉक बढे़ भाव के कारण न घटे. अभी लागू एवरेज सिस्टम के कारण ज्यादा दाम पर खरीदे गए सोने पर कम दाम पर बेचने से घाटा हो रहा है.
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