बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने बुधवार को फिर कांग्रेस पर हमला बोलते हुये कहा कि कांग्रेस पार्टी की दोग़ली नीति की वजह से ही देश में ‘साम्प्रदायिक ताकतें'मजबूत हो रही हैं. मायावती ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी की दोग़ली नीति की वजह से ही देश में ‘साम्प्रदायिक ताकतें' मजबूत हो रही है क्योंकि कांग्रेस पार्टी साम्प्रदायिक ताकतों को कमजोर करने के बजाय, इसके विरुद्ध आवाज उठाने वाली ताकतों को ही कमजोर करने में लगी है. जनता सावधान रहे.' मायावती की यह नाराजगी राजस्थान में बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के कारण है.
गौरतलब है कि मंगलवार को राजस्थान में बहुजन समाजवादी पार्टी के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इसे नगर निकाय व पंचायत चुनावों से पहले राज्य की अशोक गहलोत सरकार के लिए बड़ी राजनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है. राज्य में बसपा के छह विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा (उदयपुर वाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई), वाजिब अली (नगर), लाखन सिंह (करौली), संदीप कुमार (तिजारा) और दीपचंद खेरिया (किशनगढ़ बास) है.
कांग्रेस में शामिल हुए इस पार्टी के 6 विधायक, 10 साल पहले भी अशोक गहलोत कर चुके हैं ये कारनामा
बता दें, विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुये कांग्रेस को गैर भरोसेमंद और धोखेबाज करार दिया है था. मायावती ने मंगलवार सुबह एक के बाद एक तीन ट्वीट किये. उन्होंने पहला ट्वीट किया, ‘‘राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बसपा के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द एवं धोखेबाज पार्टी होने का प्रमाण दिया है. यह बसपा मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बसपा वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी.'
बसपा नेता ने अपने दूसरे टिवट में कहा, ‘‘कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं. कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी, ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर एवं ईमानदार नहीं रही है.''
BSP के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर बोलीं मायावती- गैर भरोसेमंद और धोखेबाज है कांग्रेस
मायावती ने इसके बाद एक अन्य ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर एवं उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही. इसी कारण डॉ. आम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया. अति-दुःखद एवं शर्मनाक.'
VIDEO: राजस्थान में 6 BSP विधायकों के कांग्रेस में आने पर विधानसभा की स्थिति
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