बीएसएफ और पाक रेंजर्स के बीच वार्ता की तस्वीर
नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान की सीमा की रखवाली करने वाले बलों की बैठक में भारत ने पाकिस्तान से भविष्य के बारे में बातें करने का आग्रह किया।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स के साथ महानिदेशक स्तर की वार्ता के पहले दिन अधिकांश समय भारत ने ही बात रखी। संघर्षविराम उल्लंघन से लेकर भारतीय फौजियों पर छिपकर की जाने वाली गोलाबारी तक के कई मुद्दों को उठाया।
बातचीत का समापन 'सौहार्दपूर्ण तरीके से' हुआ। दोनों पक्ष सीमा पर समन्वित तरीके से गश्त लगाने पर राजी हुए। साथ ही संघर्षविराम उल्लंघन की निगरानी पर भी सहमति बनी।
वार्ता के अंतिम दिन शनिवार को दोनों पक्षों के बीच एक करार पर दस्तखत भी होगा।
एक अधिकारी ने बताया, "भारत ने अधिकांश समय बात की और पाकिस्तानी पक्ष ने उसे ध्यान से सुना। बातचीत अच्छे माहौल में खत्म हुई। पाकिस्तान ने अतीत के कुछ मामलों को उठाया। हमने कहा कि अतीत की बातों से कुछ हासिल नहीं होगा। अगर आपके पास 20 बिंदु हैं तो हमारे पास 40 हैं। कोई ऐसी व्यवस्था बनाते हैं जिससे इस स्थिति पर काबू पाया जा सके।"
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि शांति बनाए रखने का उन पर सिविल सोसाइटी की तरफ से काफी दबाव है। भारतीय पक्ष की ही तरह उन पर भी अपने नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
सूत्रों ने बताया कि ज्यादा जोर संवाद और संपर्क के अधिक जरिए खोलने पर रहा।
पाकिस्तान ने अपनी वायुसीमा के उल्लंघन का मुद्दा उठाया।
भारत ने घुसपैठ का मुद्दा उठाया और कहा कि यह कैसे हो सकता है कि पाकिस्तानी रेंजर्स इससे वाकिफ न हों। सूत्रों ने बताया कि रेंजर्स ने कहा कि वे घुसपैठ रोकने में असमर्थ हैं।
अधिकारी ने बताया, "पाकिस्तान रेंजर्स ने कहा कि उनके पास सीमा पर भारत जैसे अत्याधुनिक संसाधन नहीं हैं।"
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने संघर्षविराम उल्लंघन की निगरानी के लिए तीसरे पक्ष की जरूरत का मुद्दा नहीं उठाया।
ऐसी रिपोर्ट थीं जिनमें बताया गया था कि पाकिस्तान कहेगा कि संघर्षविराम उल्लंघन की निगरानी के लिए भारत-पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) की भूमिका को फिर जीवित किया जाए। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक ऐसा नहीं हुआ।
बैठक में तय किया गया कि दोनों देशों की सीमा की निगरानी करने वाले बलों के अधिकारी समय-समय पर मिलें और मुद्दों पर बात करें।
बातचीत में मादक पदार्थ की समस्या, तस्करी, समन्वित गश्त, समय पर सूचना का आदान-प्रदान पर जोर रहा।
आखिरी बार बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स की बैठक लाहौर में 24 से 28 दिसंबर 2013 में हुई थी।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स के साथ महानिदेशक स्तर की वार्ता के पहले दिन अधिकांश समय भारत ने ही बात रखी। संघर्षविराम उल्लंघन से लेकर भारतीय फौजियों पर छिपकर की जाने वाली गोलाबारी तक के कई मुद्दों को उठाया।
बातचीत का समापन 'सौहार्दपूर्ण तरीके से' हुआ। दोनों पक्ष सीमा पर समन्वित तरीके से गश्त लगाने पर राजी हुए। साथ ही संघर्षविराम उल्लंघन की निगरानी पर भी सहमति बनी।
वार्ता के अंतिम दिन शनिवार को दोनों पक्षों के बीच एक करार पर दस्तखत भी होगा।
एक अधिकारी ने बताया, "भारत ने अधिकांश समय बात की और पाकिस्तानी पक्ष ने उसे ध्यान से सुना। बातचीत अच्छे माहौल में खत्म हुई। पाकिस्तान ने अतीत के कुछ मामलों को उठाया। हमने कहा कि अतीत की बातों से कुछ हासिल नहीं होगा। अगर आपके पास 20 बिंदु हैं तो हमारे पास 40 हैं। कोई ऐसी व्यवस्था बनाते हैं जिससे इस स्थिति पर काबू पाया जा सके।"
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि शांति बनाए रखने का उन पर सिविल सोसाइटी की तरफ से काफी दबाव है। भारतीय पक्ष की ही तरह उन पर भी अपने नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
सूत्रों ने बताया कि ज्यादा जोर संवाद और संपर्क के अधिक जरिए खोलने पर रहा।
पाकिस्तान ने अपनी वायुसीमा के उल्लंघन का मुद्दा उठाया।
भारत ने घुसपैठ का मुद्दा उठाया और कहा कि यह कैसे हो सकता है कि पाकिस्तानी रेंजर्स इससे वाकिफ न हों। सूत्रों ने बताया कि रेंजर्स ने कहा कि वे घुसपैठ रोकने में असमर्थ हैं।
अधिकारी ने बताया, "पाकिस्तान रेंजर्स ने कहा कि उनके पास सीमा पर भारत जैसे अत्याधुनिक संसाधन नहीं हैं।"
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने संघर्षविराम उल्लंघन की निगरानी के लिए तीसरे पक्ष की जरूरत का मुद्दा नहीं उठाया।
ऐसी रिपोर्ट थीं जिनमें बताया गया था कि पाकिस्तान कहेगा कि संघर्षविराम उल्लंघन की निगरानी के लिए भारत-पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) की भूमिका को फिर जीवित किया जाए। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक ऐसा नहीं हुआ।
बैठक में तय किया गया कि दोनों देशों की सीमा की निगरानी करने वाले बलों के अधिकारी समय-समय पर मिलें और मुद्दों पर बात करें।
बातचीत में मादक पदार्थ की समस्या, तस्करी, समन्वित गश्त, समय पर सूचना का आदान-प्रदान पर जोर रहा।
आखिरी बार बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स की बैठक लाहौर में 24 से 28 दिसंबर 2013 में हुई थी।
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