कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सीएम पद की शपथ लेने के तीन सप्ताह बाद अपने कैबिनेट में मंगलवार को विस्तार करने जा रहे हैं. कैबिनेट में किसे शामिल किया जाएगा ये नाम तय करने के बाद मंगलवार को मंत्री पद की शपथ दिलवाई जाएगी. भाजपा सरकार पिछले कुछ दिनों से राज्य में आई बाढ़ से निपटने की कोशिश कर रही है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए येदियुरप्पा ने कहा, 'दो-तीन घंटे में मुझे अमित भाई (भाजपा अध्यक्ष अमित शाह) से फाइनल लिस्ट मिल जाएगी. कैबिनेट का विस्तार कल किया
एगा.'
वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने रविवार को बताया कि अब भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से संभावित 13 या 14 मंत्रियों की सूची की मंजूरी का इंतजार है, जिन्हें पहले चरण में शपथ लेनी है. येदियुरप्पा और प्रदेश नेतृत्व को उम्मीद है कि मंत्रियों के नाम शामिल करने को लेकर सोमवार को आलाकमान से स्पष्ट निर्देश मिल जाएंगे. राज्य में 22 दिनों से अकेले सरकार चला रहे येदियुरप्पा ने मंत्रिमंडल विस्तार प्रक्रिया 20 अगस्त को पूरी करने की पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से शनिवार को मंजूरी ली थी. येदियुरप्पा ने 26 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 29 जुलाई को विधानसभा में बहुमत साबित किया था. हालांकि, अभी तक राज्य मंत्रिमंडल में उन्होंने किसी सदस्य को शामिल नहीं किया है. इस बीच, मंगलवार सुबह मंत्रिमंडल विस्तार से पहले होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक स्थगित कर दी गई है.
येदियुरप्पा ने रविवार को कहा, ‘मंगलवार को उचित समय पर दोपहर को मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. उस दिन विधायक दल की कोई बैठक नहीं होगी. हम इसे चार दिन बाद करेंगे. पार्टी के सभी विधायकों, विधान परिषद सदस्यों, सांसदों, हमारे सभी नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों से शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का आग्रह किया गया है.' पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि कई नामों को लेकर मीडिया में कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन राज्य नेतृत्व द्वारा संभावित मंत्रियों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को सौंपने और शाह की मंजूरी मिलने के बाद ही तस्वीर साफ होगी.
कर्नाटक में बी.एस.येदियुरप्पा सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार 20 अगस्त को
सूत्रों ने बताया कि येदियुरप्पा के लिए मंत्रिमंडल विस्तार चुनौतीपूर्ण होगी, क्योंकि बड़ी संख्या में मंत्री पद के इच्छुक लोगों के बीच जातीय और क्षेत्रीय समीकरण में भी संतुलन कायम करना होगा. हालांकि, कांग्रेस-जद(स) के अयोग्य ठहराए गए विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आने की वजह से उन्हें तत्काल समायोजित करने की मजबूरी नहीं होगी. इन विधायकों के इस्तीफे से भाजपा सत्ता में आ सकी. दिलचस्प है कि खुले तौर पर भाजपा विधायक मंत्री पद की इच्छा नहीं जता रहे हैं और न ही इसके लिए पैरवी कर रहे हैं क्योंकि उन्हें भय है कि यह उनके खिलाफ जाएगा.
VIDEO: येदियुरप्पा सरकार ने बहुमत साबित कर जीता विश्वास मत
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं