यह ख़बर 17 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

23 बच्चों को बहादुरी पुरस्कारों के लिए चुना गया

खास बातें

  • इनमें केरल में दो बच्चों की जिंदगी बचाने वाली 12 वर्षीय बच्ची और मप्र में एक रेल दुर्घटना में 55 वर्षीय व्यक्ति की जान बचाने वाला 15 वर्षीय लड़का शामिल है।
नई दिल्ली:

अदम्य साहस का परिचय देने वाले 23 बच्चों को 2010 के बहादुरी पुरस्कारों के लिए चुना गया है। इनमें केरल में दो बच्चों की जिंदगी बचाने वाली 12 वर्षीय बच्ची और मध्य प्रदेश में एक रेलगाड़ी दुर्घटना में 55 वर्षीय व्यक्ति की जान बचाने वाला 15 वर्षीय लड़का शामिल है। भारतीय बाल कल्याण परिषद की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ ने सोमवार को नई दिल्ली में इन पुरस्कारों की घोषणा की। उन्होंने इस अवसर पर इन बहादुर बच्चों से मीडिया का परिचय भी कराया। बहादुर 23 बच्चों में नौ लड़कियां और 14 लड़के हैं जबकि दो को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया जाएगा। अदम्य साहस के लिए प्रतिष्ठित गीता चोपड़ा पुरस्कार, केरल की 13 वर्षीया जिस्मी पी.एम. को दिया जाएगा। उन्होंने दो बच्चों को डूबने से बचाया था। संजय चोपड़ा पुरस्कार उत्तराखंड के प्रत्यूष जोशी को मिलेगा, जिन्होंने अपनी बहन की तेंदुए से रक्षा की थी। ये पुरस्कार गणतंत्र दिवस समारोह के समय दिए जाएंगे। गणतंत्र दिवस परेड में ये बच्चे प्रमुख आकर्षण का केंद्र होंगे।


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