लोकसभा और राज्यसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। लोकसभा में कथित जबरन धर्मान्तरण के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही के एक बार स्थगित होने के बाद 12 बजे पुन: शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये और इस सत्र में सदन में हुए कामकाज का ब्यौरा देने के बाद कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
एक बार के स्थगन के बाद सदन के दोबारा बैठने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सदन में मौजूद थे। सदन के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने से पहले कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि प्रधानमंत्री सदन में मौजूद हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि वह कुछ कहें।
अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं देते हुए कहा, मैं किसी को कुछ कहने की अनुमति नहीं दे रही हूं, माननीय प्रधानमंत्री जी को भी नहीं। विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री द्वारा धर्मान्तरण के मुद्दे पर बयान दिये जाने का बार-बार आग्रह किये जाने पर अध्यक्ष ने कहा, मैंने बोला नहीं, तो नहीं। इसके बाद उन्होंने सोलहवीं लोकसभा के 24 नवम्बर से शुरू हुए इस तीसरे सत्र के कामकाज का ब्यौरा रखा। उन्होंने बताया कि इस सत्र में कुछ 22 बैठकें हुई और लगभग 129 घंटे सदन ने कामकाज किया है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान कई महत्वपूर्ण वित्तीय एवं विधायी कार्यों को सदन ने पूरा किया है, जिनमें अनुदान की अनुपूरक मांगों को स्वीकृति देकर संबंधित विनियोग विधेयक को पारित करना शामिल है।
अध्यक्ष ने कहा है कि सदन ने इस सत्र में 18 विधेयक पारित किये, जो हाल के वर्षों में अपने आप में एक रिकॉर्ड है और इसके लिए वह पूरे सदन को बधाई देती हैं। राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम की धुन के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई।
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