महाराष्ट्र के कई इलाकों में भीषण सूखे के हालात हैं
मुंबई:
भीषण सूखे से जूझ रहे महाराष्ट्र में राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत अब राज्य में कोई भी 200 फीट से ज्यादा गहरा बोरवेल नहीं खोद सकता। राज्य के जल आपूर्ति मंत्री बबनराव लोणिकर ने यह जानकारी दी है। इस आदेश का उल्लंघन करने पर जुर्माना या जेल या दोनों सजाएं हो सकती हैं। यही नहीं 200 फीट से ज्यादा गहरे बोरवेल की खुदाई करनेवाली मशीन के मालिक पर मामला दर्ज होगा और ड्राइवर का लाइसेंस जब्त कर लिया जाएगा।
लोणिकर ने NDTV इंडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में घटते भू-जलस्तर को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके पालन की जिम्मेदारी ज़िले के SDM को दी गई है। राज्यभर में इसके असरदार अमल के लिए पिछले 2 महीने से प्रशिक्षण कैम्प आयोजित किए गए थे। इसे सफल बनाने के लिए राज्य के लोगों का योगदान भी जरूरी है।
भूजल पर गहरा असर
इन बोरवेल से खींचे जानेवाले पानी के चलते भू-जलस्तर पर गहरा नकारात्मक असर हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र भूजल प्रबंधन एवं विकास कानून को कड़ाई से अमल में लाने के आदेश संबंधित अधिकारियों को दिए जा चुके हैं। इस बीच महाराष्ट्र सरकार के जल आपूर्ति मंत्री ने बताया कि राज्य में इस समय 4356 टैंकर्स से प्रभावित इलाकों में पानी मुहैया किया जा रहा है।
सरकार के आदेश पर सवाल
वैसे राज्य सरकार के मौजूदा आदेश पर जानकार सवाल उठा रहे हैं। महाराष्ट्र भूजल प्रबंधन एवं विकास कानून को बनाने के लिए स्थापित मसौदा समिति के सदस्य और पर्यावरणविद अतुल देऊलगावकर ने NDTV इंडिया से बातचीत के दौरान सवाल उठाया है कि क्या सरकार में अपने फैसलों को अमल में लाने के लिए जरूरी समन्वय है?
वे कहते हैं कि मौजूदा स्थिति में सूखाग्रस्त इलाके में 500 फीट तक बोरवेल की खुदाई की अनुमति होने का दावा स्थानीय लोकप्रतिनिधि कर रहे हैं। ऐसे में सच में सरकारी आदेश क्या हैं, इस बात का खुलासा होना भी जरूरी है।
लोणिकर ने NDTV इंडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में घटते भू-जलस्तर को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके पालन की जिम्मेदारी ज़िले के SDM को दी गई है। राज्यभर में इसके असरदार अमल के लिए पिछले 2 महीने से प्रशिक्षण कैम्प आयोजित किए गए थे। इसे सफल बनाने के लिए राज्य के लोगों का योगदान भी जरूरी है।
भूजल पर गहरा असर
इन बोरवेल से खींचे जानेवाले पानी के चलते भू-जलस्तर पर गहरा नकारात्मक असर हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र भूजल प्रबंधन एवं विकास कानून को कड़ाई से अमल में लाने के आदेश संबंधित अधिकारियों को दिए जा चुके हैं। इस बीच महाराष्ट्र सरकार के जल आपूर्ति मंत्री ने बताया कि राज्य में इस समय 4356 टैंकर्स से प्रभावित इलाकों में पानी मुहैया किया जा रहा है।
सरकार के आदेश पर सवाल
वैसे राज्य सरकार के मौजूदा आदेश पर जानकार सवाल उठा रहे हैं। महाराष्ट्र भूजल प्रबंधन एवं विकास कानून को बनाने के लिए स्थापित मसौदा समिति के सदस्य और पर्यावरणविद अतुल देऊलगावकर ने NDTV इंडिया से बातचीत के दौरान सवाल उठाया है कि क्या सरकार में अपने फैसलों को अमल में लाने के लिए जरूरी समन्वय है?
वे कहते हैं कि मौजूदा स्थिति में सूखाग्रस्त इलाके में 500 फीट तक बोरवेल की खुदाई की अनुमति होने का दावा स्थानीय लोकप्रतिनिधि कर रहे हैं। ऐसे में सच में सरकारी आदेश क्या हैं, इस बात का खुलासा होना भी जरूरी है।
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