आदर्श सोसाइटी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मुंबई की आदर्श सोसाइटी मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया. कोर्ट ने आदर्श सोसाइटी को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आपको हमारे आदेश का पालन करना होगा और सारी बिल्डिंग को केंद्र के हवाले करना होगा. कोर्ट ने चेताया कि अगर आप सारे फ्लैटों की चाबियां भी केंद्र को दे नहीं तो हम केंद्र को ताले तोड़ेन का आदेश दे देंगे. मामले की अगली सुनवाई दो सितंबर होगी.
कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर सोसाइटी पूरी बिल्डिंग का रखरखाव केंद्र को नहीं देती को कोर्ट बिल्डिंग को ढहाने का आदेश भी जारी कर सकता है. कोर्ट ने कहा कि या तो आप सामान के रखरखाव के पैसे दें या सामान निकाल लें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोसाइटी को बिल्डिंग के रखरखाव की इजाजत नहीं दी जा सकती.
कोर्ट ने यह सख्त टिप्पणी केंद्र की दलील पर की जिसमें कहा गया कि 104 में से 93 फ्लैटों में ताले लगे हैं और सोसाइटी ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया है जो सीधे सीधे अवमानना का मामला बनता है.
वहीं सोसइटी ने कहा कि बिल्डिंग में बिजली और पानी के अलावा लिफ्ट के करीब 15 करोड़ रुपये के उपकरण बेकार पड़े हैं जो खराब हो रहे हैं. इसलिए इन्हें चालू करने की इजाजत दी जाए या तय वक्त के लिए सोसाइटी को रखरखाव की इजाजत दी जाए.
कोर्ट ने सोसाइटी की याचिका पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.आदर्श सोसाइटी ने सुप्रीम कोर्ट में बोंबे हाईकोर्ट के 29 अप्रैल के उस आदेश तो चुनौती दी है जिसमें केंद्र सरकार तो 31 मंजिला इमारत को गिराने के आदेश दिए थे. हालांकि हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 12 हफ्ते का वक्त भी दे दिया था.
कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर सोसाइटी पूरी बिल्डिंग का रखरखाव केंद्र को नहीं देती को कोर्ट बिल्डिंग को ढहाने का आदेश भी जारी कर सकता है. कोर्ट ने कहा कि या तो आप सामान के रखरखाव के पैसे दें या सामान निकाल लें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोसाइटी को बिल्डिंग के रखरखाव की इजाजत नहीं दी जा सकती.
कोर्ट ने यह सख्त टिप्पणी केंद्र की दलील पर की जिसमें कहा गया कि 104 में से 93 फ्लैटों में ताले लगे हैं और सोसाइटी ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया है जो सीधे सीधे अवमानना का मामला बनता है.
वहीं सोसइटी ने कहा कि बिल्डिंग में बिजली और पानी के अलावा लिफ्ट के करीब 15 करोड़ रुपये के उपकरण बेकार पड़े हैं जो खराब हो रहे हैं. इसलिए इन्हें चालू करने की इजाजत दी जाए या तय वक्त के लिए सोसाइटी को रखरखाव की इजाजत दी जाए.
कोर्ट ने सोसाइटी की याचिका पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.आदर्श सोसाइटी ने सुप्रीम कोर्ट में बोंबे हाईकोर्ट के 29 अप्रैल के उस आदेश तो चुनौती दी है जिसमें केंद्र सरकार तो 31 मंजिला इमारत को गिराने के आदेश दिए थे. हालांकि हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 12 हफ्ते का वक्त भी दे दिया था.
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