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This Article is From Sep 01, 2020

जब एलके आडवाणी की मांग पर प्रणब मुखर्जी ने कालेधन पर संसद में किया था बड़ा ऐलान 

पूर्व राष्ट्रपति और 7 बार भारत के वित्त मंत्री रहे डॉ. प्रणब मुखर्जी का सोमवार की शाम को निधन हो गया है. 84 साल के डॉ. मुखर्जी भारतीय राजनीति में कांग्रेस के करिश्माई चाणक्य कहे जाते थे. वह काफी समय बीमार थे और उनका दिल्ली के आर्मी अस्पताल में इलाज चल रहा था.

जब एलके आडवाणी की मांग पर प्रणब मुखर्जी ने कालेधन पर संसद में किया था बड़ा ऐलान 
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

पूर्व राष्ट्रपति और 7 बार भारत के वित्त मंत्री रहे डॉ. प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का सोमवार की शाम को निधन हो गया है. 84 साल के डॉ. मुखर्जी भारतीय राजनीति में कांग्रेस के करिश्माई चाणक्य कहे जाते थे. वह काफी समय बीमार थे और उनका दिल्ली के आर्मी अस्पताल में इलाज चल रहा था. प्रणब मुखर्जी का ज्यादातर समय सत्ता पक्ष में बीता है और उनको कांग्रेस का संकटमोचक कहा जाता था. विदेश नीति से लेकर वित्त मंत्रालय तक उनकी गहरी पैठ थी. एक बार प्रधानमंत्री मोदी ने उनको चलती-फिरती युनिर्विसिटी कहा था. मुखर्जी अपनी पार्टी कांग्रेस और सरकार का उस समय बचाव करने के लिए जाते हैं जब विपक्ष के रूप में बीजेपी सामने बैठी होती थी. एक बार लोकसभा में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उस समय नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने कालाधन का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. उन्होंने कहा कि न सिर्फ टैक्स बचाने के लिए बल्कि भ्रष्टाचार से कमाए गए धन को भी विदेशी खातों में जमा किया गया है. आडवाणी ने कहा कि सरकार ऐसे लोगों के नाम बताए जिन्होंने विदेशों में खाते खोलकर कालाधन जमा कर रखा है. बीजेपी नेता ने कहा कि अगर किसी सांसद चाहे वह सत्ता पक्ष का हो या फिर किसी के पास कालाधन हो तो सरकार खुलकर उनका नाम बताए. आपको बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी ने कालेधन पर लोकसभा में काम रोको प्रस्ताव दिया था जिस पर चर्चा हो रही थी. 

सरकार की ओर से जवाब देते हुए तत्कालीन सदन के नेता और वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार कालेधन खाताधारकों के नाम नहीं बता सकती, क्योंकि वह कई समझौतों से बंधी हुई है. इसके बाद डॉ. मुखर्जी ने जो जवाब दिया उस पर सारा सदन तालियों से गूंज उठा. उन्होंने कहा कि अब तक मिली जानकारी के मुताबिक किसी सांसद के पास विदेशों में कालाधन होने की सूचना नहीं है. उनका यह ऐलान एक तरह भारतीय राजनीति को इस मामले में दाग से बचाने वाला था क्योंकि बीजेपी के कालेधन को मुद्दे को जोर से उठा रही थी और आम तौर पर धारणा थी कि इसमें खासकर सत्ता पक्ष के कई नेता फंस सकते हैं.

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प्रणब मुखर्जी ने आगे जवाब दिया कि काले धन पर सरकार श्वेत पत्र लाएगी. उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 1948 से 2008 के बीच एक अंदाजे के मुताबिक 213 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 11,289 अरब रुपये) का कालाधन विदेशी बैंकों में जमा होने का अनुमान है, जिसका वर्तमान मूल्य 462 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 24,486 अरब रुपये) है। प्रणब ने कहा कि हमने काले धन का पता लगाने का काम तीन एजेंसियों को सौंपा हुआ है.

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