Black Fungus आंखों पर डालता है असर
नई दिल्ली:
इस बीमारी में में कुछ गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए उनकी आंखें निकालनी पड़ती है. इस बीमारी को‘ब्लैक फंगस' (Black Fungus) या म्यूकोरमाइकोसिस (Mucomycosis)कहते हैं, जो नाक से शुरू होती है, आंखों से लेकर दिमाग तक फैल जाती है. मुंबई में बीएमसी के बड़े अस्पताल ‘सायन' में डेढ़ महीने में ब्लैक फंगस के 30 मरीज मिले हैं. इनमें 6 की मौत हुई है और 11 मरीजों की एक आंख निकालनी पड़ी.
- इस बीमारी को‘ब्लैक फंगस' (Black Fungus) या म्यूकोरमाइकोसिस कहते हैं, जो नाक से शुरू होती है, आंखों से लेकर दिमाग तक फैल जाती है. इस बीमारी में में कुछ गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए उनकी आंखें निकालनी पड़ती है.
- नाक से खुजली से शुरू ये बीमारी धीरे-धीरे आंख में फैलती है, आंख लाल होती है, सूजन होती है, कम दिखने लगता है. अगर ब्रेन तक ये बीमारी गई तो मौत का खतरा 80% तक होता है
- विशेषज्ञों के अनुसार, यह फंगस 2-3 दिन नाक में रहता है और फिर आंख की ओर बढ़ता है. ऐसे में नाक से खून निकलना या देखने में हल्की भी दिक्कत हो तो कोरोना मरीज डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें. कोविड के बाद ब्लैक फंगस इंफेक्शन की जंग और भी ज्यादा घातक है.
- मुंबई में बीएमसी के बड़े अस्पताल ‘सायन' में डेढ़ महीने में ब्लैक फंगस के 30 मरीज मिले हैं. इनमें 6 की मौत हुई है और 11 मरीजों की एक आंख निकालनी पड़ी. गुजरात में भी ऐसे 50 से 60 मरीज सूरत और अहमदाबाद जैसे शहरों में मिल चुके हैं.
- मुंबई के डॉक्टर सुहास चौधरी का कहना है कि कुछ मरीजों को पहले कोविड हो चुका था. जब वो भर्ती हुए तो उनका शुगर काफी हाई था. किडनी के ऊपर भी असर हुआ था. इस वजह से उनकी आंख पूरी तरह से म्यूकोरमाइकोसिस की वजह से खराब हुई.
- अगर ऐसे मामलों में ज्यादा समय तक इलाज न मिले तो ये बीमारी मरीजों के दिमाग तक चली जाती है. इसमें मौत का खतरा काफी ज्यादा रहता है. सायन अस्पताल में ब्लैक फंगस के 30 मरीज मिले.
- सायन हॉस्पिटल की E.N.T हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. रेणुका ब्रडू ने कहा कि 30 मरीज हमने बीते डेढ़ महीने में देखे हैं. इनमें से 11 मरीजों की एक आंख निकालनी पड़ी है. एक मरीज 47 साल की हैं, उनकी दोनों आंख निकालनी पड़ी.
- मुंबई की ENT स्पेशलिस्ट डॉ. मायाशंकर विश्वकर्मा ने कहा, जो कोविड मरीज डायबिटिक हैं, जिनका प्रतिरोधी क्षमता कम है और अगर ये लोग स्टेरायड ले रहे होते हैं, तो सावधानी बरतना बेहद जरूरी है.
- डॉक्टरों का कहना है कि कोविड मरीजों को या कोरोना होने के डर से मरीजों का खुद से घर पर स्टेरायड लेना खतरनाक है. यह मरीज का इम्यूनिटी लेवल डाउन कर देता है. इससे ये फंगल इन्फेक्शन ज्यादा हो रहा है.
- मुंबई की ENT स्पेशलिस्ट डॉ आकृति देसाई ने कहा कि डॉक्टर नाक से इसको टेस्ट के जरिये कन्फर्म करते हैं, फिर एंटी फंगल इंजेक्शन देते हैं. अगर संक्रमण आंखों तक पहुंच जाता है तो सर्जरी की भी जरूरत पड़ती है. संक्रमण ज्यादा हुआ तो पूरी आंख निकालनी पड़ सकती है.