कृषि कानून : मध्य प्रदेश के श्योपुर में किसानों ने रोका तोमर का काफिला, दिखाए काले झंडे

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को उनके ही संसदीय क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ा. कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने उनका काफिला रोक लिया. प्रदर्शनकारियों ने उन्हें काले झंडे भी दिखाये.

कृषि कानून : मध्य प्रदेश के श्योपुर में किसानों ने रोका तोमर का काफिला, दिखाए काले झंडे

कृषि कानून के विरोध में किसानों ने रोका तोमर का काफिला।

श्योपुर:

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को उनके ही संसदीय क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ा. कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने उनका काफिला रोक लिया. तोमर  जिला अस्पताल निरीक्षण के लिये जा रहे थे, तभी रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया. श्योपुर बाय पास रोड पर प्रदर्शनकारियों ने उन्हें काले झंडे दिखाये. मौके पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोक-झोंक भी हुई. पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया है. 

किसान केन्द्रीय मंत्री के काफिले में चल रहे वाहनों के सामने आ गए और मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए उनसे इन कानूनों को वापस लेने की मांग की. तोमर श्योपुर-मुरैना संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं और कोविड-19 महामारी के बीच श्योपुर जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान श्योपुर आए हुए थे. तोमर ने श्योपुर जिला चिकित्सालय पहुंचकर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया. इसके साथ ही जिला चिकित्सालय में लगाए जा रहे ऑक्सीजन संयंत्र का भी निरीक्षण किया. इससे पहले तोमर कांग्रेस विधायक बाबू जण्डेल के यहां शोक संवेदना व्यक्त करने उनके निवास गए थे 

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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब केन्द्रीय मंत्री तोमर का काफिला जिला चिकित्सालय की ओर रवाना हुआ तो शहर में स्थित देहात थाने के सामने किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के दर्जन भर किसान काफिले के सामने आ गए और ‘नरेन्द्र सिंह तोमर मुर्दाबाद' के नारे लगाते हुए इन कृषि कानूनों को वापस लेने की उनसे मांग की. इस दौरान किसान संगठन के नेताओं ने उनसे कहा “ आप हमारे सांसद हो हमने आपको वोट दिया है और हम भाजपा को वोट देते हैं.”

तोमर ने कहा, ‘‘हम 24 घंटे किसानों से मिलने को तैयार हैं. किसानों से 11 दौर की वार्ता की जा चुकी है. 130 करोड़ का देश इस बात का गवाह है. जो किसान लोग जान बूझकर किसानों के हितों की बात को नहीं मानना चाहते हैं तो उसका इलाज हमारे पास नहीं है.''उन्होंने कहा, ‘‘हमने किसानों को बिन्दुवार प्रस्ताव दिया. डेढ़ साल तक कानून स्थगित कर विचार करने का उनसे आग्रह किया, लेकिन वे इस पर तैयार नहीं हुए, तो हमने कहा कि आप अपना प्रस्ताव लेकर आ जाओ, लेकिन उनके पास कोई प्रस्ताव है नहीं, इसलिए वार्ता नहीं हो पा रही है.'' 

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तोमर ने कहा, ‘‘वे जब भी प्रस्ताव लेकर आएंगे सरकार वार्ता करने को तैयार है.'' विरोध प्रदर्शन के बाद केन्द्रीय मंत्री जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने ऑक्सीजन संयंत्र सहित अन्य व्यवस्थाएं देखी. केन्द्रीय मंत्री जिला चिकित्सालय के बाद जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में शामिल हुए.