योगेश वार्ष्णेय ने ममता बनर्जी का सिर काटकर लाने वाले को 11 लाख का इनाम देने की बात कही
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता ने एक विवादित बयान दिया है. न्यूज एजेंसी ANI में छपी खबर के मुताबिक, योगेश वार्ष्णेय नाम के नेता ने ऐलान किया है कि जो भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का सिर काटकर लाएगा उसे 11 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. एएनआई के मुताबिक, हनुमान जयंती के मौके पर बीरभूम जिले में लोगों की भीड़ ने 'जय श्री राम' के नारे लगाए.भीड़ को तितर-बितर करने के लिए प्रशासन ने लाठीचार्ज के आदेश दिए थे. इसी के बाद यह विवादित बयान सामने आया.
योगेश वार्ष्णेय ने कहा कि ममता बनर्जी का जो भी सिर काटकर लाएगा, मैं उसे 11 लाख का इनाम दूंगा. उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी न सरस्वती पूजा होने देती हैं और न ही रामनवमी के मौके पर मेला लगाने देती हैं. हनुमान जयंती के मौके पर लागों पर लाठीचार्ज हुआ और उन्हें बुरी तरह पिटवाया गया. वह मुसलमानों को खुश करने के लिए इफ्तार पार्टी देती हैं.
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले की सूरी पुलिस ने रविवार को ही बीर हनुमान जयंती के आयोजकों से कह दिया था कि वे उन्हें मंगलवार को किसी रैली और मीटिंग की इजाजत नहीं देंगे. इसके बाद आयोजकों ने पुलिस को भरोसा दिलाने की कोशिश की थी कि जुलूस में कोई भी हथियार लेकर नहीं आएगा, लेकिन पुलिस फैसले को बदलने को तैयार नहीं हुई. पुलिस की इजाजत के बिना ही भीड़ रैली निकालने पहुंची.
इस मामले पर मध्य प्रदेश के बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एएनआई से कहा- मैं इससे सहमत नहीं हूं. ममता जी की तुष्टिकरण की नीति को लेकर नाराजगी हो सकती है, लेकिन हिंसा का समर्थन नहीं कर सकते.
योगेश वार्ष्णेय ने कहा कि ममता बनर्जी का जो भी सिर काटकर लाएगा, मैं उसे 11 लाख का इनाम दूंगा. उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी न सरस्वती पूजा होने देती हैं और न ही रामनवमी के मौके पर मेला लगाने देती हैं. हनुमान जयंती के मौके पर लागों पर लाठीचार्ज हुआ और उन्हें बुरी तरह पिटवाया गया. वह मुसलमानों को खुश करने के लिए इफ्तार पार्टी देती हैं.
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले की सूरी पुलिस ने रविवार को ही बीर हनुमान जयंती के आयोजकों से कह दिया था कि वे उन्हें मंगलवार को किसी रैली और मीटिंग की इजाजत नहीं देंगे. इसके बाद आयोजकों ने पुलिस को भरोसा दिलाने की कोशिश की थी कि जुलूस में कोई भी हथियार लेकर नहीं आएगा, लेकिन पुलिस फैसले को बदलने को तैयार नहीं हुई. पुलिस की इजाजत के बिना ही भीड़ रैली निकालने पहुंची.
इस मामले पर मध्य प्रदेश के बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एएनआई से कहा- मैं इससे सहमत नहीं हूं. ममता जी की तुष्टिकरण की नीति को लेकर नाराजगी हो सकती है, लेकिन हिंसा का समर्थन नहीं कर सकते.
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