एक प्रमुख कश्मीरी पंडित कार्यकर्ता ने सोमवार को आरोप लगाया कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स' के संबंध में टिप्पणी करने पर “भाजपा के गुंडों” ने उनका उत्पीड़न किया. भाजपा ने हालांकि आरोप को खारिज किया है. सुनील पंडिता (47) ने कहा कि उन्होंने फोन करके पुलिस को इस मामले की सूचना दी है और वह लिखित शिकायत दर्ज कराने के लिए जल्द ही पुलिस थाने जाएंगे. वहीं, पुलिस ने कहा कि फिलहाल उन्हें शिकायत नहीं मिली है.
पंडिता ने आरोप लगाया कि रविवार को फिल्म के समर्थन में आयोजित की गई रैली के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका उत्पीड़न किया और धमकी दी. पंडिता ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, “वे नशे में थे, वे मेरे घर के बाहर आए और करीब आधा घंटे तक मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग किया. मेरी पत्नी दो बार बेहोश हुई और उसने डर के कारण मुझे घर से बाहर नहीं निकलने दिया.”
पंडिता के आरोप के संबंध में भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रेस सचिव प्रदीप महोत्रा ने कहा कि पार्टी ने इस तरह की किसी रैली का आयोजन नहीं किया था और पंडिता के आरोप बेबुनियाद हैं.
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से पलायन करने वाले पंडिता ने हालिया रिलीज फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स' को लेकर साफ तौर पर आवाज बुलंद की थी और इसे एकतरफा कहानी करार देते हुए दावा किया था कि फिल्म का उद्देश्य हिंदू और मुसलमानों की दरार को बढ़ाना है.
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