फाइल फोटो
नई दिल्ली:
रक्षा बंधन पर अलग तरह की एकजुटता दिखाते हुए भाजपा की सात महिला सांसदों ने गत 29 जुलाई को मारे गए आरएसएस कार्यकर्ता राजेश के भाई को राखियां भेजीं हैं. सांसदों ने राजेश के छोटे भाई को भेजे एक पत्र में लिखा, ‘हम आपसे कहना चाहते हैं कि आप अकेले नहीं हैं, हम देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाली आपकी बहनें हैं. हम आपके दुख में साझेदार हैं, आपके और आपके परिवार के साथ खड़े हैं.’’ राजेश की केरल के श्रीकारयम में नृंशस तरीके से हत्या कर दी गयी थी. सांसदों में रीति पाठक, संपतिया उइके, अंजू बाला, भारतीबेन शियल, माला राज्यलक्ष्मी शाह, रूपा गांगुली और प्रीतम मुंडे शामिल हैं.
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गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से केरल के कुन्नूर सहित कई इलाकों में आरएसएस और सीपीएम के कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष की जमकर खबरें आ रही हैं. अलग-अलग विचारधाराओं वाले इन दोनों ही राजनीतिक दलों को कार्यकर्ता एक दूसरे की जान लेने पर उतारू हैं. इन हिंसाओं के चलते वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी हाल ही में केरल का दौरा किया था और मृतक राजेश के परिवार वालों से भी मुलाकात की थी. जेटली ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि अगर ऐसी हिंसा भाजपा शासित राज्यों में हुई होती तो अवॉर्ड वापसी शुरू हो जाती.
Video : खून से रंगी सियासत
जेटली ने कहा, "प्रत्येक बार जब एलडीएफ सत्ता में आती है हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती हैं. राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की राज्य में सबसे 'क्रूर और बर्बर' तरीके से हत्या की जा रही है." उन्होंने कहा, "यह सुनिश्चित करना राज्य की जिम्मेदारी है कि इन अपराधों को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाए और उन्हें ऐसी कड़ी सजा मिले जो प्रतिरोध का काम करे." उन्होंने कहा कि पुलिस से भी उम्मीद की जाती है कि वह निष्पक्ष रहेगी और यदि ये दो चीजें नहीं होती हैं तो राज्य में हिंसा की घटनाएं नहीं रूकेंगी.
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गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से केरल के कुन्नूर सहित कई इलाकों में आरएसएस और सीपीएम के कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष की जमकर खबरें आ रही हैं. अलग-अलग विचारधाराओं वाले इन दोनों ही राजनीतिक दलों को कार्यकर्ता एक दूसरे की जान लेने पर उतारू हैं. इन हिंसाओं के चलते वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी हाल ही में केरल का दौरा किया था और मृतक राजेश के परिवार वालों से भी मुलाकात की थी. जेटली ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि अगर ऐसी हिंसा भाजपा शासित राज्यों में हुई होती तो अवॉर्ड वापसी शुरू हो जाती.
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जेटली ने कहा, "प्रत्येक बार जब एलडीएफ सत्ता में आती है हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती हैं. राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की राज्य में सबसे 'क्रूर और बर्बर' तरीके से हत्या की जा रही है." उन्होंने कहा, "यह सुनिश्चित करना राज्य की जिम्मेदारी है कि इन अपराधों को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाए और उन्हें ऐसी कड़ी सजा मिले जो प्रतिरोध का काम करे." उन्होंने कहा कि पुलिस से भी उम्मीद की जाती है कि वह निष्पक्ष रहेगी और यदि ये दो चीजें नहीं होती हैं तो राज्य में हिंसा की घटनाएं नहीं रूकेंगी.