पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुलिस कार्रवाई और टिकरी मोर्चे पर पुलिस के नोटिस पर सयुंक्त किसान मोर्चे ने बयान जारी किया है. बयान जारी करते हुए मोर्चे ने कहा कि भाजपा द्वारा किसान आंदोलन को बदनाम करने की रोज कोशिशें की जा रही है. हम इसे सफल नहीं होने देंगे और किसानो का यह संघर्ष जरूर कामयाब होगा.
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर डॉ. दर्शन पाल ने पत्र जारी करते हुए कहा कि 'पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों के संघर्ष को बदनाम करने आये भाजपा के नेता व कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ मारपीट की. पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही करने की बजाय किसानो को ही गिरफ्तार कर लिया. सरकार के किसान विरोधी साजिशों का हम कड़ा विरोध करते है. भाजपा द्वारा किसान आंदोलन को बदनाम करने की रोज कोशिशें की जा रही है. हम इसे सफल नहीं होने देंगे और किसानो का यह संघर्ष जरूर कामयाब होगा.'
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साथ ही पत्र में कहा गया है, 'टिकरी धरने पर दिल्ली पुलिस द्वारा कुछ पोस्टर लगाए गए है जिसमे किसानों से धरना खाली करने की चेतावनी दी गयी है। इस तरह के पोस्टर अप्रांसगिक है जहां किसान अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए शांतमयी प्रदर्शन कर रहे है। हम पुलिस के इस कदम का विरोध करते है और किसानों से अपील करते है कि शांतिपूर्ण विरोध जारी रखे। इस तरह की धमकियां और चेतावनी से किसान आंदोलन को खत्म करने की साजिशों का सख्त विरोध किया जाएगा व इससे किसान संघर्ष ओर मजबूत होगा.'
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बता दें, केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर पदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली के टिकरी, गाजीपुर और सिंघू बॉर्डर पर किसान कई महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि, किसानों ने अब प्रदर्शन स्थल से संख्या कम करके पूरे देश में आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाई है. इसके तहत हर राज्य में किसान पंचायतें आयोजित की जा रही हैं.
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