खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री सरयू राय ने आज झारखंड मंत्री परिषद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया है. इसके साथ ही राय ने झारखंड विधानसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया है. राज्यपाल एवं विधानसभा अध्यक्ष को भेजे पत्र में राय ने अपना इस्तीफा तत्काल प्रभाव से मंजूर करने का आग्रह किया है.
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले यहां राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है. झारखंड के मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सरयू राय बागी हो गए हैं. झारखंड की राजनीति में यह पहली बार होगा जब मंत्रिमंडल के मुखिया यानी कि मुख्यमंत्री को चुनौती उन्हीं के कैबिनेट मंत्री देंगे. राय को टिकट मिलना इसलिए भी मुश्किल लग रहा था क्योंकि मुख्यमंत्री रघुबर दास किसी भी तरह से उनकी उम्मीदवारी के समर्थन में नहीं थे. पार्टी उम्मीदवारी के लिए केंद्रीय बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, जो पहले से राय से कई कारणों से खफा चल रहे थे, ने भी टिकट काटने को सही ठहराया था.
रविवार को जमशेदपुर में अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी सीट पर और अपनी पुरानी सीट जमशेदपुर पश्चिम से भी चुनाव लड़ने की घोषणा की. सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर पूर्वी से जहां वे खुद सक्रिय होकर प्रचार अभियान की कमान संभालेंगे वहीं जमशेदपुर पश्चिम सीट पर यह जिम्मा कार्यकर्ताओं पर होगा.
इससे पूर्व राय ने शनिवार को पार्टी नेतृत्व को उनके नाम पर विचार न करने की सलाह दी थी. राय ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि उनकी उम्मीदवारी को कम से कम जमशेदपुर पश्चिम सीट पर विपक्षी दलों का समर्थन मिलेगा. राय के बागी होने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि पार्टी जल्द अपने अधिकारिक प्रत्याशी का ऐलान करेगी.
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