
शिवसेना के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
मुंबई:
शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर तल्ख़ टिपण्णी करते हुए कहा है कि देश और राज्य में सरकारें बदल गई हैं। लोगों का संयम टूट जाए इससे पहले कामों को गति दी जानी चाहिए। अच्छे दिनों का वायदा है। लोगों को फंसाया नहीं जा सकता। उद्धव कहते हैं कि कांग्रेसी सरकारों ने जनता के साथ धोख़ा किया। लोग का संयम टूट रहा है। ऐसी हालत में बदली सरकारों को जल्द कामों को अंजाम देना चाहिए।
उद्धव ठाकरे शिवसेना के पार्टी प्रमुख हैं और पार्टी मुखपत्र सामना में उनका मैराथन इंटरव्यू शुरू हुआ है। सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत को दिए इस इंटरव्यू का पहला हिस्सा गुरुवार को प्रकाशित हुआ है। उद्धव ने शिवसेना से ज्यादा एहमियत अन्य दलों को मिलने पर भी खेद जताया है। उन्होंने कहा है कि आओ जाओ घर तुम्हारा जैसी सरकारों की राजनीति में शिवसेना को कोई इंट्रेस्ट नहीं।
उद्धव को पूछा गया कि चुनकर आए सांसदों के मुकाबले जो एहमियत शिवसेना की राष्ट्रीय राजनीति में होनी चाहिए यह नहीं दिखती। इस बात पर क्या आप को खेद है? तो उद्धव ने कहा है, जी हां। बात मंत्री परिषद में भागीदारी की हो या सरकारी मंडलों पर प्रतिनिधित्व की यह सही है, लेकिन हम सत्ता के लालची नहीं हैं। उद्धव ठाकरे ने सामना अखबार को दिए इंटरव्यू में यह याद दिलाया है कि शिवसेना एनडीए की सबसे पुरानी साथी है। बाकी आते जाते रहे हैं।
उन्होंने अमित शाह की शत प्रतिशत भाजपा की घोषणा पर कहा है कि बीजेपी को कश्मीर में मुफ़्ती महंमद सईद के साथ गठबंधन चलता है और यहां (मुम्बई) वे गठबंधन की राजनीति का विरोध करते हैं। यह बड़ा अचरज भरा है। जाते जाते वह ये कहते दिखें कि मोदी में हिम्मत है। वह पाकिस्तान से कड़ा मुकाबला करें। आखिर कश्मीर में पाकिस्तान के झंडे कैसे लहराते हैं?
उद्धव ठाकरे शिवसेना के पार्टी प्रमुख हैं और पार्टी मुखपत्र सामना में उनका मैराथन इंटरव्यू शुरू हुआ है। सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत को दिए इस इंटरव्यू का पहला हिस्सा गुरुवार को प्रकाशित हुआ है। उद्धव ने शिवसेना से ज्यादा एहमियत अन्य दलों को मिलने पर भी खेद जताया है। उन्होंने कहा है कि आओ जाओ घर तुम्हारा जैसी सरकारों की राजनीति में शिवसेना को कोई इंट्रेस्ट नहीं।
उद्धव को पूछा गया कि चुनकर आए सांसदों के मुकाबले जो एहमियत शिवसेना की राष्ट्रीय राजनीति में होनी चाहिए यह नहीं दिखती। इस बात पर क्या आप को खेद है? तो उद्धव ने कहा है, जी हां। बात मंत्री परिषद में भागीदारी की हो या सरकारी मंडलों पर प्रतिनिधित्व की यह सही है, लेकिन हम सत्ता के लालची नहीं हैं। उद्धव ठाकरे ने सामना अखबार को दिए इंटरव्यू में यह याद दिलाया है कि शिवसेना एनडीए की सबसे पुरानी साथी है। बाकी आते जाते रहे हैं।
उन्होंने अमित शाह की शत प्रतिशत भाजपा की घोषणा पर कहा है कि बीजेपी को कश्मीर में मुफ़्ती महंमद सईद के साथ गठबंधन चलता है और यहां (मुम्बई) वे गठबंधन की राजनीति का विरोध करते हैं। यह बड़ा अचरज भरा है। जाते जाते वह ये कहते दिखें कि मोदी में हिम्मत है। वह पाकिस्तान से कड़ा मुकाबला करें। आखिर कश्मीर में पाकिस्तान के झंडे कैसे लहराते हैं?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं