दिल्ली में विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections 2020) को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. चुनावी वादों और दावों के बीच राजनेताओं द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला बदस्तूर जारी है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए मोर्चा संभाला हुआ है. दोनों नेता लगातार रैलियां और रोड शो कर रहे हैं. सोमवार को जेपी नड्डा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर भारत को तोड़ने की चाह रखने वालों का समर्थन करने का आरोप लगाया.
जेपी नड्डा ने यह आरोप AAP सरकार द्वारा पुलिस को JNUSU के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar), उमर खालिद (Umar Khalid) और अन्य पर राजद्रोह का मामला चलाने की अनुमति नहीं देने की पृष्ठभूमि में लगाया. उन्होंने पूछा, 'राष्ट्र विरोधी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने से क्या उनके वोट बैंक को नुकसान पहुंचेगा.' नड्डा ने ट्वीट किया, 'कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अन्य राष्ट्र विरोधी ताकतों ने जेएनयू में 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' जैसे नारे लगाए. उन्होंने भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करने की धमकी दी, फिर कानून प्रवर्तन एजेंसियों की भूमिका शुरू हुई, उन्होंने मामले की जांच की और जनवरी 2019 में वे आरोप पत्र दाखिल करने को तैयार थीं.'
They sought Kejriwal's permission to prosecute this tukde tukde gang but one year later, till y'day, no permission was granted. Kejriwal must tell Delhi why is he supporting those who want to break India? Is it because acting against these anti-nationals will hurt his vote bank?
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) January 27, 2020
नड्डा ने आगे लिखा, 'उन्होंने (पुलिस ने) इस 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग के खिलाफ मामला चलाने के लिए केजरीवाल की अनुमति मांगी लेकिन एक साल बाद, कल तक भी कोई अनुमति नहीं दी गई. केजरीवाल दिल्ली को यह बताएं कि वह उन लोगों का समर्थन क्यों कर रहे हैं जो भारत को तोड़ने की मंशा रखते हैं? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि देशद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई करने से उनका वोट बैंक खतरे में पड़ता है.' बता दें कि आगामी 8 फरवरी के दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी यह मुद्दा बार-बार उठा रही है. पुलिस ने 14 जनवरी को कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य तथा अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. इसमें कहा गया था कि ये लोग एक जुलूस की अगुवाई कर रहे थे और 9 फरवरी, 2016 को परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान लगाए गए राष्ट्र विरोधी नारों का समर्थन कर रहे थे. दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस से कहा था कि वह 19 फरवरी तक इस मामले में आवश्यक मंजूरी हासिल करे. (इनपुट भाषा से भी)
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