पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने भगत सिंह के एक उद्धरण को ट्वीट किया है
खास बातें
- कहा, जो लोगों के लिए अच्छा है, वह करते रहेंगे
- ड्रग कंट्रोलर ने गंभीर फाउंडेशन को कोविड दवा की स्टॉकिंग का दोषी माना था
- कोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को मामले की जांच करने का दिया था निर्देश
नई दिल्ली: बीजेपी सांसद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के फाउंडेशन ने इजाजत के बगैर अवैध रूप से कोविड की दवाएं खरीदी और वितरित कीं. दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने गुरुवार को हाईकोर्ट में यह जानकारी दी. ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि गंभीर के फाउंडेशन और दवा डीलरों के खिलाफ बिना किसी देरी के कार्रवाई की जाए. कोर्ट की सुनवाई का विवरण सामने आने के कुछ ही देर बाद, पूर्व इंटरनेशनल क्रिकेटर गंभीर ने शहीदे आजम, सरदार भगत सिंह (Sardar Bhagat Singh) के उद्धरण को ट्वीट किया. क्रिकेटर से राजनेता बने गंभीर ने इस विचारधारा को दोहराया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया और वह करते रहेंगे जो लोगों कि लिए अच्छा है. गौतम ने ट्वीट किया, 'मैं एक इंसान हूं जो भी बातें इंसानियत को प्रभावित करती है, उससे मुझे चिंता होती है-सरदार भगत सिंह '
दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रक (Drug Controller) ने गुरुवार को हाईकोर्ट को बताया कि ‘गौतम गंभीर फाउंडेशन' को कोविड-19 मरीजों के उपचार में होने वाली दवा फैबीफ्लू की अनधिकृत तरीके से जमाखोरी करने, खरीदने और उसका वितरण करने का दोषी पाया गया है. उन्होंने यह भी बताया था कि 'आप' विधायक प्रवीन कुमार को भी ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून के तहत ऐसी ही अपराधों में दोषी पाया गया है. कोर्ट ने औषधि नियंत्रक से छह सप्ताह के भीतर इन मामलों की प्रगति पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और इसकी अगली सुनवाई 29 जुलाई निर्धारित की है.
कोरोना की दवा मुफ्त में वितरित करने पर विपक्ष के निशाने पर आए गौतम गंभीर
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 25 मई को औषधि नियंत्रक यानी ड्रग कंट्रोलर को इस बारे में निर्देश दिया था कि वह कोरोना के इलाज में इस्तेमाल दवाओं की कमी के बीच नेताओं द्वारा बड़े पैमाने पर खरीदी गई दवाओं के मामले की जांच करे. कोर्ट ने कहा था कि भाजपा सांसद गौतम गंभीर अच्छी मंशा से दवाएं बांट रहे थे लेकिन उनकी इस भावना ने अनजाने में ही 'अपकार' किया है. अदालत ने कहा, ‘‘गौतम गंभीर ने इसे अच्छी मंशा के साथ किया. हमें उनकी मंशा पर कोई शक नहीं है. वह हमारे देश के राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं लेकिन हमारा सवाल है कि क्या यह जिम्मेदाराना व्यवहार है जब आप जानते थे कि दवा की कमी है.'' पीठ ने कहा, ‘‘हम उनकी मंशा पर सवाल नहीं उठा रहे हैं लेकिन जिस तरह का काम उन्होंने किया, वास्तव में वह अपकार था, भले वह अनजाने में ही हुआ होगा. यह कोई तरीका नहीं है कि आप बाजार से इतनी दवाएं खरीदें, निश्चित तौर पर नहीं.''