सीबीआई ने आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के सिलसिले में मंगलवार को गुजरात से भाजपा सांसद दीनू बोघा सोलंकी को गिरफ्तार किया। जेठवा ने राज्य के गिर जंगलों तथा एशियाई शेरों के अंतिम आवास स्थल में गैर-कानूनी खनन के विरुद्ध अभियान छेड़ रखा था।
गुजरात के जूनागढ़ से लोकसभा सदस्य सोलंकी आज सुबह सीबीआई मुख्यालय पहुंचे। उनसे दिन भर पूछताछ के बाद सीबीआई के एक दल ने उन्हें गिरफ्तार किया है।
सीबीआई के प्रवक्ता कंचन प्रसाद ने कहा, ‘जूनागढ़ से लोकसभा सांसद को आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा के हत्या मामले में हिरासत में लिया गया है।’
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘उन्हें (सोलंकी को) कल दिल्ली की अदालत में पेश किया जाएगा। मामले की जांच प्रगति पर है।’ सीबीआई सू़त्रों ने बताया कि सांसद संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए जिसके बाद उन्हें हिरासत में लेने का निर्णय किया गया।
गुजरात पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था जिनमें भाजपा सांसद का भतीजा शिवा सोलंकी तथा शार्प शूटर शैलेश पांडया शामिल था जिसने जेठवा को गुजरात उच्च न्यायालय के बाहर गोली मारी थी। इन सभी से सीबीआई ने संबद्ध अदालत से अनुमति लेने के बाद जेल में पूछताछ की थी।
जेठवा एक आरटीआई एवं पर्यावरण कार्यकर्ता थे जिन्होंने कई आरटीआई आवेदन दिए थे एवं गिर वन क्षेत्र में गैर-कानूनी खनन के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की थी। उनकी 20 जुलाई 2010 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सांसद से उन बयानों के बारे में भी पूछा गया जो मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों ने दिए हैं। भाजपा सांसद को गुजरात पुलिस की अपराध शाखा ने क्लीनचिट दी थी। इसके चलते मृत के पिता ने गुजरात पुलिस की शरण ली।
गुजरात पुलिस की अपराध शाखा ने हत्या में सोलंकी की संलिप्तता की संभावना से इनकार किया था।
गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य की पुलिस द्वारा की जा रही जांच को निष्पक्ष, स्वतंत्र, प्रामाणिक या त्वरित नहीं माना और मामले को सीबीआई को सौंप दिया।
जेठवा की हत्या का देशभर के आरटीआई कार्यकर्ताओं ने भारी विरोध किया था और इस प्रकार के भंडाफोड़ करने वालों की सुरक्षा पर चिंता जताई थी। उच्च न्यायालय के समक्ष किए गए अनुरोध में जेठवा के पिता भीखाभाई ने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस ने मामले की समुचित जांच नहीं की तथा राज्य सरकार भाजपा सांसद को बचा रही है।
अदालत ने कहा कि जांच को निष्पक्ष, स्वतंत्र, प्रामाणिक और त्वरित नहीं कहा जा सकता।
जेठवा ने गुजरात उच्च न्यायालय में कई याचिका दाखिल कर रखी थी जिसमें एक जनहित याचिका भी शामिल है। यह जनहित याचिका जूनागढ़ जिले के गिर वन क्षेत्र में गैर-कानूनी खनन को लेकर है।
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