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खास बातें
- आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम अधिकारी को बल्ले से पीटा था
- ‘बेटा किसी का हो, ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा'
- कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा की गई कड़ी आलोचना के बाद आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर बीजेपी विचार कर रही है. राज्य इकाई से केंद्रीय नेतृत्व की हुई चर्चा हुई है और सूत्रों के अनुसार संभावना है कि आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) को कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा और उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है. इंदौर बीजेपी इकाई के कुछ नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है. गौरतलब है कि आकाश की जेल से रिहाई के बाद शहर इकाई ने उनका स्वागत किया था.
मंगलवार को ही प्रधानमंत्री मोदी ने आकाश विजयर्गीय द्वारा एक अधिकारी को पीटने से जुड़े घटनाक्रम पर गहरा संज्ञान लेते हुए नसीहत दी कि ‘बेटा किसी का हो, मनमानी नहीं चलेगी.' हालांकि, प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में किसी का नाम नहीं लिया. सूत्रों ने बताया कि भाजपा संसदीय पार्टी की बैठक में प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कहा, ‘बेटा किसी का हो, ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.' उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार, जो पार्टी का नाम कम करता है, अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि अगर किसी ने कुछ गलत किया है तो कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यह सभी पर लागू है.
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वहीं भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने एनडीटीवी को बताया, 'प्रधानमंत्री बहुत नाराज थे. उन्होंने कहा कि बदसलूकी करने, पार्टी को बदनाम करने या सार्वजनिक रूप से अहंकार दिखाने का हक किसी के पास नहीं है. उन्होंने कड़े शब्दों में यह बात कही. साथ ही कहा कि ऐसी हरकतें स्वीकार नहीं है.'
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने स्वागत किया है, उन्हें पार्टी में रहने का हक नहीं है, सभी को पार्टी से निकाल देना चाहिए. गौरतलब है कि कुछ ही दिनों पहले इंदौर नगर निगम का दल गंजी परिसर क्षेत्र में एक जर्जर मकान को गिराने को पहुंचा था. इसकी सूचना मिलने पर भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय की नगर निगम कर्मियों से नोकझोंक हो गई और आकाश ने नगर निगम अधिकारी की बल्ले से पिटायी कर दी.
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इस घटना को लेकर पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया और आकाश को जेल भेज दिया गया था. बाद में उनकी रिहाई के बाद उनके समर्थकों ने जश्न मनाया था और फूलों से स्वागत किया था. जेल से जमानत पर छूटने के बाद आकाश ने कहा था कि वह जनता की सेवा करते रहेंगे लेकिन उन्होंने इस घटना पर खेद प्रकट नहीं किया था. आकाश के पिता और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. उन्होंने कहा था, ‘आकाशजी और कमिश्नर दोनों कच्चे खिलाड़ी हैं. यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं था लेकिन इसे बड़ा बनाया गया. मुझे लगता है कि अधिकारियों को अहंकारी नहीं होना चाहिए.'
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वहीं, बहुचर्चित बल्ला काण्ड के आरोपी भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने सोमवार को इल्जाम लगाया कि मध्यप्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के रिश्तेदार इंदौर नगर निगम के अफसरों से सांठ-गांठ के जरिये जमीन पर कब्जा करने के लिये पुराने मकानों को बेवजह जर्जर घोषित कराते हुए तुड़वा रहे हैं. विजयवर्गीय ने वीडियो जारी कर इस आशय का आरोप लगाया. 34 वर्षीय भाजपा विधायक ने कहा, "मैंने सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ को आवेदन भेजकर गुजारिश की है कि वह वर्मा के रिश्तेदारों और इंदौर नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत वाले कुछ मकान घोटालों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश करें. मैं इस वीडियो के माध्यम से वर्मा को चुनौती देता हूं कि यदि उनमें दम हो, तो वह मेरी इस गुजारिश का लिखित समर्थन करें."