विज्ञापन
This Article is From Aug 07, 2018

'यूरिया में नीम कोटिंग' जैसी बातों से नहीं चलेगा काम, चुनाव से पहले BJP को इन चुनौतियों से तुरंत निपटना होगा

दरअसल बीजेपी के सामने बीते 4 सालों में कई ऐसे मुद्दे खड़े हो गये हैं जो उसको लोकसभा चुनाव में परेशान कर सकते हैं. 

'यूरिया में नीम कोटिंग' जैसी बातों से नहीं चलेगा काम, चुनाव से पहले BJP को इन चुनौतियों से तुरंत निपटना होगा
लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के सामने खड़ी हैं कई चुनौतियां
नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनाव  को लेकर बीजेपी की अगुवाई में एनडीए और कांग्रेस ने जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी ने तो फरवरी तक पीएम मोदी की 50 रैलियों का कार्यक्रम भी बना लिया है. इससे पहले दोनों ही पार्टियां मध्य प्रदेश-राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में आमने-सामने होंगी. कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि इन चुनाव के पहले यूपीए का कुनबा मजबूत हो जाये. समाजवादी पार्टी, बीएसपी सहित कई क्षेत्रीय दलों के साथ इस समय संपर्क कर रही है लेकिन कांग्रेस के लिये यह राह इतनी आसान नहीं है. बीजेपी के सामने बीते 4 सालों में कई ऐसे मुद्दे खड़े हो गये हैं जो उसको चुनाव में परेशान कर सकते हैं. 
 

NDTV का खुलासा : जब भीड़ की हिंसा के मुख्‍य आरोपियों ने खुफिया कैमरे पर कबूला अपना गुनाह...


मॉब लिंचिंग की घटनाएं
देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बीजेपी के लिये परेशानी की बात यह है कि ये घटनाएं उन्हीं राज्यों में हुई हैं जहां पर पार्टी का शासन है.

Exclusive: अलवर, हापुड़ की भीड़ की हिंसा पर NDTV की पड़ताल

कथित गोरक्षकों का आतंक 
पीएम मोदी भी इस मुद्दे पर अपील कर चुके हैं. लेकिन गोरक्षा के नाम पर उसके बाद भी कई लोगों के साथ मारपीट की जा चुकी है. विपक्षी नेताओं का आरोप है बीजेपी सरकारें इस मुद्दे पर ढुलमुल नीति अपना रही है. 

मॉब लिंचिंग पर UP के सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान, 'इंसान भी जरूरी और गाय भी' 

विपक्ष के एकजुट होने की कवायद 
बीजेपी को विपक्ष की एकजुटता का अंदाजा गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में हो चुका है. इन उपचुनावों में बीजेपी की हार हुई है और अब इस बात का अहसास विपक्षी दलों को भी हो चुका है कि एक होकर ही बीजेपी को हराया जा सकता है. 

क्या 2019 में कांग्रेस ले सकती है चौंकाने वाला फैसला, सोनिया गांधी का रायबरेली सीट से लड़ना अभी तक तय नहीं

बीजेपी और सहयोगी दलों के नेताओं के बयान
बीजेपी को कुछ नेताओं में हाल ही में ऐसे बयान दिये है जिससे उसको असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आरक्षण तो दे दिया जाएगा लेकिन सरकार नौकरी कहां दे रही है. वहीं उत्तर प्रदेश में सहयोगी पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर भी लाख मानने के बाद भी बयान देने से नहीं रुक रहे हैं. हाल ही में उन्होंने कहा कि मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलने से क्या ट्रेनें समय पर आने लगेंगी. वहीं शिवसेना भी अपने तेवरों कम नहीं कर रही है सीधे पीएम मोदी पर निशाना साध रही है. 

बीजेपी के 'शत्रु' ने पीएम मोदी के इस कदम पर जताया ऐतराज, दे डाला ये बड़ा बयान

पीएम मोदी के भाषण में अब दोहराव
पिछले 4 साल से पीएम मोदी ने कई भाषण दिये हैं. 'यूरिया में नीम कोटिंग'  जैसी बातों पर अब जनता पर असर होगा यह मुश्किल है. गुजरात चुनाव में भी हम मुद्दों की कमी से बीजेपी को देख चुके हैं. कालाधन, सर्जिकल स्ट्राइक और रोजगार के मुद्दे पर पीएम मोदी की बातें अब पुरानी लगती हैं.  बीजेपी के साथ दिक्कत यह है कि पीएम मोदी का चेहरा ही उसके बाद सबसे बड़ा चुनावी हथियार है और उसमें 'पैनापन' बना रहना जरूरी है. 

न्यूजटाइम इंडिया: सोनिया-राहुल गांधी से ममता बनर्जी ने की मुलाकात​

 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्‍मू-कश्‍मीर चुनाव : पहले चरण में किस पार्टी के कितने करोड़पति उम्‍मीदवार? जानिए कितनी है औसत संपत्ति
'यूरिया में नीम कोटिंग' जैसी बातों से नहीं चलेगा काम, चुनाव से पहले BJP को इन चुनौतियों से तुरंत निपटना होगा
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Next Article
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com