शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा, 'पिछले 25 साल में देश में राजनीति बदल गई है.
मुंबई:
शिवसेना ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा अब अयोध्या में विवादित राम मंदिर बनाने की अपनी योजनाओं पर आगे बढ़ सकती है, क्योंकि देश में अभी ऐसा सामाजिक-राजनीतिक माहौल है कि मुस्लिम भी पीएम मोदी का पक्ष लेंगे.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा, 'पिछले 25 साल में देश में राजनीति बदल गई है. (भाजपा के वरिष्ठ नेता) लाल कृष्ण आडवाणी अब मार्गदर्शक मंडल में हैं जबकि देश पर पीएम मोदी का शासन है.. इसलिए, राम मंदिर अब बनाया जाना चाहिए और इसके लिए उच्चतम न्यायालय के नहीं, मोदी के निर्देश की जरूरत है'.
पार्टी ने कहा, 'भाजपा को उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत मिली जो दिखाता है कि लोगों की आकांक्षा है कि राम मंदिर बने. लोग आस्था के नाम पर ऐसा चाहते हैं और इसलिए उच्चतम न्यायालय को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए. आज पूरा देश मोदी की बातें सुनता है और माहौल ऐसा है कि मुस्लिम भी उनकी बातें सुनेंगे'. शिवसेना ने कहा कि उच्चतम न्यायालय इस मुद्दे पर एक स्पष्ट फैसला दे सकता है.
पार्टी की तरफ से आगे कहा गया कि 'बहरहाल, यदि अदालत के बाहर मामला सुलझाना है तो अन्ना हजारे, बाबा रामदेव या आडवाणी जैसे लोगों द्वारा ऐसा किया जा सकता है. फिर अदालत जाने की कोई जरूरत नहीं है'. (इनपुट भाषा से)
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा, 'पिछले 25 साल में देश में राजनीति बदल गई है. (भाजपा के वरिष्ठ नेता) लाल कृष्ण आडवाणी अब मार्गदर्शक मंडल में हैं जबकि देश पर पीएम मोदी का शासन है.. इसलिए, राम मंदिर अब बनाया जाना चाहिए और इसके लिए उच्चतम न्यायालय के नहीं, मोदी के निर्देश की जरूरत है'.
पार्टी ने कहा, 'भाजपा को उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत मिली जो दिखाता है कि लोगों की आकांक्षा है कि राम मंदिर बने. लोग आस्था के नाम पर ऐसा चाहते हैं और इसलिए उच्चतम न्यायालय को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए. आज पूरा देश मोदी की बातें सुनता है और माहौल ऐसा है कि मुस्लिम भी उनकी बातें सुनेंगे'. शिवसेना ने कहा कि उच्चतम न्यायालय इस मुद्दे पर एक स्पष्ट फैसला दे सकता है.
पार्टी की तरफ से आगे कहा गया कि 'बहरहाल, यदि अदालत के बाहर मामला सुलझाना है तो अन्ना हजारे, बाबा रामदेव या आडवाणी जैसे लोगों द्वारा ऐसा किया जा सकता है. फिर अदालत जाने की कोई जरूरत नहीं है'. (इनपुट भाषा से)
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