बेंगलुरु : केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के शासनकाल के दौरान पारित भूमि अधिग्रहण विधेयक 'किसान विरोधी' था और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नए विधेयक के लाभ को समझाने के लिए लोगों के बीच एक अभियान चलाएगी।
कर्नाटक की राजधानी में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दूसरे दिन संवाददाताओं से बातचीत में जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की हर पहल को पार्टी का पूरा समर्थन है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा लाया गया नया विधेयक ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में मददगार होगा और प्रस्तावित औद्योगिक गलियारे से भूमिहीनों व दलितों सहित सबको रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा, 'इस मुद्दे पर अभियान के लिए पार्टी का दृष्टिकोण मजबूत है।'
जेटली ने साल 2013 के अधिनियम को किसान विरोधी करार दिया, क्योंकि यह ग्रामीण सड़कों, ग्रामीण क्षेत्रों में आवास तथा ग्रामीण विद्युतीकरण को रोकता है। उन्होंने कहा, 'साल 2015 के संशोधन द्वारा इसे दूर किया गया है।'
गौरतलब है कि नया भूमि अधिग्रहण विधेयक लोकसभा से नौ आधिकारिक संशोधनों के साथ पारित हो गया, जबकि राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण पारित नहीं हो पाया। कांग्रेस के अलावा, कई अन्य विपक्षी पार्टियों ने विवादित विधेयक के खिलाफ मजबूती से विरोध किया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से शुक्रवार को मंजूरी मिलने के बाद विवादित भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को एक बार फिर से जारी कर दिया गया। पिछले अध्यादेश को पांच अप्रैल को निष्प्रभावी होना था।
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