केरल में नन बलात्कार मामले में आरोपी जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल को राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपमुक्त करने की उनकी याचिका खारिज कर दी. याचिका में बिशप निर्दोष होने का दावा कर रहे हैं और मामले से आरोप मुक्त करने की मांग भी की थी. मुलक्कल का दावा है कि उसे फंसाया गया है और पीड़ित नन के आर्थिक व्यवहार पर सवाल उठाए हैं.
इससे पहले केरल हाइकोर्ट ने बिशप मुलक्कल की याचिका को खारिज कर दिया था और उसे मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था. ट्रायल कोर्ट भी उसकी डिस्चार्ज याचिका खारिज कर चुका है.
बता दें कि जून 2018 में 43 साल की नन ने कोट्टायम में पुलिस से शिकायत की थी कि जालंधर बिशप ने 2014 और 2016 के बीच उसके साथ कई बार बलात्कार किया था. बलात्कार पीड़िता पंजाब स्थित मिशनरी ऑफ जीसस मण्डली की सदस्य है. केरल पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने कई दौर की पूछताछ के बाद सितंबर 2018 में उसे गिरफ्तार किया था. 40 दिनों के बाद उनको जमानत दी गई थी.
पीठ ने मुल्क्कल की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि हम योग्यता के आधार पर कुछ नहीं कह रहे हैं लेकिन हम आरोपमुक्त करने की याचिका खारिज कर रहे हैं. CJI एसए बोबडे ने कहा कि यह केस आरोमुक्त करने का नहीं है
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