बिहार में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के अपने ही कैबिनेट के कई मंत्री उनसे खुश नहीं हैं, और इसकी बानगी मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में देखने को मिली, जब कुछ मंत्रियों ने तबादले की प्रक्रिया पर सवाल उठाए और बुधवार शाम कई मंत्री एक अपने सहयोगी श्याम रजक के घर पर भोज के लिए जुटे।
इस भोज की खास बात यह रही कि मांझी से नजदीकी रखने वाले किसी मंत्री को न आमंत्रित किया गया, और न वे गए। फिलहाल मांझी से करीबी रखने वाले लगभग आठ मंत्री हैं, और लगभग 20 से 24 मंत्री उनसे, खासकर उनकी कार्यशैली से, खुश नहीं हैं। हालांकि भोज में सभी 24 मंत्री मौजूद नहीं थे, लेकिन भोज के इस दौर से साफ है कि अगर मांझी ने आने वाले दिनों में अपनी कार्यशैली नहीं बदली, तो शायद उनकी गद्दी बचना मुश्किल है।
सूत्रों की मानें तो मांझी अपने से मिलने वाले हर नेता से यही कहते हैं कि चाहे लालू यादव हों या नीतीश कुमार या शरद यादव, वह उनके सामने झुकने वाले नहीं। इसके पीछे उनकी राजनैतिक समझ है कि अब जनता दल यूनाइटेड से उन्हें कुछ खास राजनैतिक लाभ नहीं होने वाला और अगर वह अपने बागी तेवरों पर कायम रहे तो न केवल बिहार की राजनीति में, बल्कि बीजेपी के लिए भी बहुत बड़े 'एसेट' साबित हो सकते हैं।
लेकिन फिलहाल राजनैतिक जानकारों की मानें तो जब तक राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड का विलय नहीं होता, मांझी की कुर्सी बची रहेगी।
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